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माँ ……..१ ऐसा शब्द है जिसके बारे में कुछ भी कहो कम है .जब हम छोटे होते हैं तब सिर्फ इतना पता होता है हमें हर समय हर काम के लिए माँ की जरुरत होती है .हम जब भी किसी मुसीबत में होते है हमारे मुंह से अचानक १ ही शब्द निकलता माँ .
माँ हमारी ज़िंदगी का १ एहसास है जिसे हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते .जैसे जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमें अपनी ज़िंदगी में माँ की अहमियत समझ में आने लगती है .वो माँ ही तो होती है जिसेहमारी हर समय हर छोटी बड़ी बात की चिंता रहती है और हम सोचते हैं कि कैसे बेकार में परेशान होती रहती है ,जरुरत से ज्यादा टोका – टाकी करती रहती है .लेकिन ये टोका टाकी हमारे लिए उसकी चिंता होती है .वो हमे हर मुसीबतसे बचाना चाहती है .वो हमारी हर ख़ुशी चाहती है .
जब हम माँ बनते हैं तब जा के हमें पता चलता है किहमारी माँ हमारी इतनी चिंता यूँ करती थी ,हमारे लिए इतना परेशान क्यों होती थी .आज जब हम अपने बच्चों के लिए परेशान होते है तब हमे पता चलता है की हमारी माँ भी हमारे लिए ऐसे ही परेशान होती थी .शायद मुझे पहले माँ कि तकलीफ का इतना एहसास नहीं होता था लेकिन आज जब मैं खुद १ माँ हूँ तो मुझे इस बात का एहसास होता है .
आज मैं पूरी कोशिश करती हूँ कि माँ को कोई तकलीफ न हो ,उनकी हर परेशानी मैं बांटना चाहती हूँ .आज मैं ये चाहती हूँ कि जिसने सारी ज़िंदगी हमारे सुख दुःख के लिए निकाल दी ,आज मैं उन्हें उनकी हर ख़ुशी दे सकूँ ……….
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