परंपरा
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होली के पावन पर्व पर
आओ मिल सब गीत गायेँ
भेदभाव . छुआछूत भूल
एक सूत्र मेँ सब बँध जायेँ
प्रेमभाव से सब होली खेलेँ
रंग अबीर गुलाल बरसायेँ
आपस के सब झगड़े भूल
आज गले से सब लग जायेँ
जागरण जंक्शन टीम को
सभी ब्लागर्स को
और सभी पाठकों को
होली
की
शुभ कामना
## डा. मनोज रस्तोगी
मुरादाबाद , उ.प्र.
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