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प्रतीक्षा कृष्ण की

परंपरा
परंपरा
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कुछ चूहे
कुतर रहे हैं
देश का नक्शा
हम
कर रहे हैं
गणपति वंदन
कुछ बंदर
उजाड रहे हैं
देश की बगिया
हम
गा रहे हैं
हनुमान चालीसा
कुछ विषधर
उगल रहे हैं
लगातार जहर
हम
डूबे हुए हैं
नागपंचमी उत्सव में
बढती ही जा रही है
कौरवों की संख्या
हम
आंखे बंद करके
कर रहे हैं
कन्हैया की पूजा
आखिर
कौन
निभाएगा
कृष्ण का धर्म
कब रची जाएगी
नई गीता
डा मनोज रस्तोगी
DR.MANOJ RASTOGI
8,JEELAL STREET
MORADABAD-244001
U.P.
mob-9456687822

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