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राधे राधे रटो चले आयेंगे बिहारी , श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे ,रात श्याम सपने में आये भजनों की जगह अगर स्वर गूंजें मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए ,पल पल न माने टिंकू जिया,शीला की जवानी,दम मारो दम मिट जाये गम ,इश्क का मंजन घिसे और इन पर आइटम गर्ल्स अपने लटके झटके दिखा कर जलवे बिखेरें तो इसे आप क्या कहेंगे । जी हां यह सब कुछ पिछले दिनों यहां सम्भल में कल्कि पीठाधीश्वर के संयोजन में हुए कल्कि महोत्सव में देखने को मिला। सम्भल के ऐंचोडाकम्बोह स्थित श्री कल्कि धाम में पिछले कई साल से कल्कि महोत्सव का
आयोजन किया जा रहा है इस बार भी यह आयोजन किया गया । इस आयोजन में भ्रष्टाचार के खात्मे को महायज्ञ का आयोजन किया गया। गंगा को निर्मल बनाने के लिए गंभीर चर्चा की गयी। आयोजन में अनेक धर्मगुरूओं के अलावा गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामथ सपत्नीक , मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ,कांग्रेस सांसद राज बब्बर,केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ,संसदीय कार्यमंत्री हरीश रावत, कर्षि राज्यमंत्री चरण दास महंत, ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी शामिल हुए।
रात को सांस्कतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । पहले दिन मुंबई से आये सूफी गायक रामशंकर,प्रेमप्रकाश दुबे,कणिका आदि ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए तो दूसरे दिन क्रिस्टल डांस ग्रुप मुंबई की आइटम डांसर सुनीता मुखर्जी ने अपने जलवे बिखेरे । तीसरे दिन रात को मंच पर थीं आइटम गर्ल शैफाली जरीवाला। कांटा लगा , मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए ,पल पल न माने टिंकू जिया,शीला की जवानी,दम मारो दम मिट जाये गम ,इश्क का मंजन घिसे जैसे गानों की प्रस्तुति और इन पर पश्चिमी पहनावे के कपडों में आइटम गर्ल्स ने दिखाए अपने लटके झटके । सुबह आध्यात्म और रात को ???
संत, राजनेता और आइटम गर्ल्स क्या अदुभुत संगम था इस महोत्सव में । अब इसे कल्कि महोत्सव कहें या कलियुग महोत्सव , अपनी तो समझ से परे है। महोत्सव में शामिल साधु संतो का कहना है कि यह कोई चिंतन का विषय ही नहीं है कौन किस नजरिए से उसे देखता है यह उसकी भावनाओं पर निर्भर करता है। शैफाली जरीवाला कहती हैं – मैं ऐसा नहीं मानती हूं कि नए गीतों में कोई अश्लीलता है, क्योंकि यह तो देखने वाले के नजरिए पर निर्भर है।
आपका क्या कहना है जरूर बताएं।
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