Chandan Rathore (Official)
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चल पड़ी कलम जब छलका आँख से आंसू
सब तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा फिर क्यों छलका ये आंसू
सो रहा हे ये जंहा और में उठ खड़ा हुआ जब छलका ये आंसू
हे हर सुख मुझे दुनिया का फिर क्यों छलका ये आंसू
ना कोई दर्द ना कोई दुःख फिर क्यों छलका ये आंसू
चल पड़ी कलम जब छलका ये आंसू
पता नही क्या दर्द छुपा रखा हे दिल में
में चुप और बोल पड़ा ये आंसू
चल पड़ी कलम जब छलका आँख से आंसू
चल पड़ी कलम जब छलका आँख से आंसू
आपका शुभचिंतक
लेखक – चन्दन राठौड़
समय -: 3:02 am
दिंनाक:-12/april/2012
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