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तलवार से तेज़ करणी सेना और लोगों की जुबान चल रही है!

मेरी बात
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credit-Indian Express
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पिछले कुछ महीनों से देख रहा हूं फिल्म पद्ममावत को लेकर देश में काफी बवाल हो रहा है। एक तरफ करणी सेना के लोग हैं, जो महारानी पद्मावती के जौहर और राजपूतों के शौर्य, सम्मान और वीरता की बातें छाती ठोक कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ पद्मावत फिल्म का समर्थन करने वाले लोग हैं, जो कह रहे हैं पहले फिल्म देखो फिर कुछ कहो।


वैसे सेंसर बोर्रड से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने फिल्म को हरी झंडी भी दिखा दी है। लेकिन तथाकथित सम्मान और शौर्य की बात करने वाले लोगों के सिर पर कोई और भूत सवार है। फिल्म के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। अभी आज हरियाणा में एक बस में आग लगा दी गई। इसके साथ ही शौर्य की बातें करने वाले लोगों द्वारा स्कूल बस को भी निशाना बना दिया गया। हालांकि गनीमत रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।

एक और बात जब से इस फिल्म को लेकर विवाद शुरु हुआ है, तब से करणी सेना से संबंधित बड़े-बड़े लोगों की बातें टीवी और अखबारों में देखता आ रहा हूं। हर ज़ुबान से नारी सम्मान, जौहर और भी कई बड़ी-बड़ी बाते निकली। ये सभी बातें सुनकर बड़ा अच्छा लगा। ऐसा लगा कि चलो कम से कम इन्हें महिला सम्मान का तो खयाल है।

लेकिन अगले ही पल उन सभी ज़ुबानों से एक अन्य महिला के लिए ऐसे-ऐसे गंदे शब्द निकले कि उसे लिखना भी मुझे शर्मनाक लगता है। बात यहीं खत्म नहीं होती है, नाक काटने और सर कलम करके लाने वालों के लिए करोड़ों का इनाम भी रखा गया।

वैसे करणी सेना और तथाकथित शौर, सम्मान की बातें करने वाले लोगों की तलवार से ज्यादा इनकी ज़ुबान चल रही है। और ऐसी की अपनी बात नहीं मानने वालों के लिए ज़हर उगल रही है। पद्मावत का विवाद जब से शुरु हुआ है, मैं तब से सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को देख रहा हूं। कई पेज बनाए गए हैं, जिनने महारानी पद्मावती के जौहर की चर्चा सम्मान के साथ की गई है और उन पर बनी फिल्म पद्मावत का विरोध किया जा रहा है।

लेकिन दुर्भाग्य कि बात ये है कि उन सभी पेजों पर जितने भी ऐसे शख्स के कमेंट्स आ रहे हैं, जिनके विचार इनसे मेल नहीं खाते हैं। उनके लिए वही सम्मान और वीरता की बातेें करने वाले लोग अपमान जनक शब्दों का इस्तेमाल यूं सार्वजनिक तौर पर कर रहे हैं।

एक सवाल अाप सभी करणी सेना और राजपूतों से आपकी नज़र में महिला सम्मान क्या है?




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