Menu
blogid : 15237 postid : 1337668

तुझे इंसान से यू जानवर बनाया किसने…

मेरी बात
मेरी बात
  • 38 Posts
  • 15 Comments

saharanpur-File-PTIविद्रोह का ये बिगुल बजाया किसने,
तुझे इंसान से यूं जानवर बनाया किसने।।

कल तलक तो था तू मेरे सुख-दुख का साथी,
आज तुझको यूं भड़काया किसने।।

जो उठते थें हाथ कुदाल चलाने को तेरे,
उन हाथों में मशाल थम्हाया किसने।।

तिनका-तिनका जोड़कर बनाया था आशियाना जिसे,
उस आशियाने को ऐसे क्यों जलाया तूने।।

कुसूरवार किसे ठहराऊं इस अक्ष्मय अपराध का,
इसमे ना दोष तेरा है ना कुसूर मेरा है।।

देख धधक रहा है आशियाना मेरा,
मेरे आशियाने को शोला बनाया तूने।।

जहां दौड़ते थें लोग एक चिंगारी बुझाने,
वहां शोला बन गया मेरा घर न बुझाया किसी ने।।

विद्रोह का ये बिगुल बजाया किसने,
तुझे इंसान से यू जानवर बनाया किसने……

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh