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बेलगाम हुए अपराधी

जरा हट के
जरा हट के
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जी हां, बेलगाम अपराधियों पर लगाम कसने में पुलिस महकमा विफल है। हालांकि कुख्‍यातों की गिरफ्तारी को ले कई योजनाएं बनाई गई हैं। फिर भी हत्‍या, धमकी व लूट की घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है। चोरी का ग्राफ भी बढ़ गया है। मंदिरों, बंद घरों व एटीएम को चोर निशाना बना रहे हैं। इस सच से तो सभी वाकिफ हैं कि पूरे प्रदेश में चंद मंदिरों को छोड़ किसी में सुरक्षा की व्‍यवस्‍था नहीं है। ऐसे में भगवान के गहनों को चुराना सबसे आसान है। एक माह के भीतर आधा दर्जन मंदिरों के ताले सिर्फ मुजफ्फरपुर में तोड़े गए हैं। इस मामले में चंद शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन मास्‍टर माइंड तक गिरफ्त से दूर है। पांच जनवरी को चोरों ने दस अलग–अलग जगहों पर चोरी कर पुलिस की नींद उड़ा दी। रात्रि गश्‍ती का सच भी सामने आया। गश्‍ती में शामिल पुलिसकर्मी वसूली में लगे रहे और अपराधी घटना को अंजाम देने में। एटीएम काटने के मामले एकाएक बढ़े हैं। बंद घरों में लगातार चोरी की घटनाओं से लोगों में भय है। गए सप्‍ताह अपराध को लेकर मुजफ्फरपुर में कईधरने दिए गए। भाकपा माले के नेताओं ने पूरे प्रदेश में कानून व्‍यवस्‍था को ध्‍वस्‍त बताया था। वहीं, भाजपा मानवाधिकार मंच ने भी बढ़ते अपराध को लेकर राज्‍य सरकार पर निशाना साधा था। निजी चिकित्‍सक भी सुरक्षा के सवाल पर पुलिस को चेतावनी दे चुके हैं। व्‍यवसायियों में भी आक्रोश दिख रहा है। अपराध पर लगाम कसने के लिए प्रदेश के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगा चुके हैं। इसके बावजूद प्रतिदिन आपराधिक घटनाएं घट रही हैं। यदि रात्रि गश्‍ती को दुरुस्‍त कर लिया जाए तो चोरी की घटनाओं में कमी आना तय है। पुलिस के वरीय अधिकारी संसाधनों का रोना रोते हैं। थाना प्रभारी कहते हैं कि आबादी के मुताबिक पुलिसकर्मियों की संख्‍या नहीं बढ़ाई गई। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि काफी संख्‍या में थाना भवन जर्जर हैं और अपराधी अत्‍याधुनिक हथियारों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इसके बावजूद सुरक्षा की जिम्‍मेवारी इसी विभाग की है। ऐसे में वरीय अधिकारियों को ही स्‍थायी निदान निकालना होगा कि ऐसे असामाजिक तत्‍वों पर लगाम कैसे कसी जाए। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आपराधिक घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। पिछले दिनों दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्‍या कर दी गई थी। इसका मुख्‍य अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है। एक बात तो साफ है कि अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस को सक्रियता बढ़ानी होगी। सूचना तंत्र को और मजबूत करना होगा। पुलिस को सोशल साइट का भी उपयोग करना चाहिए। हेल्‍पलाइन शुरू करनी चाहिए। यह भी ध्‍यान देना चाहिए कि यदि कहीं से कोई सूचना मिलती है तो उसपर त्‍वरित कार्रवाई हो। इससे जनता का पुलिस पर विश्‍वास बढ़ेगा और उन्‍हें गोपनीय सूचनाएं मिलेंगी। निश्‍चित रूप से इससे अपराधी को पकड़ने में मदद मिलेगी। वरीय पुलिस अधिकारियों को भी कड़ी मॉनीटरिंग करने की जरूरत है। क्‍योंकि, अधिकतर थानों में केस डायरी कंपलीट नहीं है। शिथिलता पूर्वक काम करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इसी तरह यदि त्‍वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस किसी बड़े मामले का पर्दाफाश करती है तो टीम को पुरस्‍कृत किया जाना चाहिए।

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