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कीशपथ लेने के बाद नीतीशकुमारनेराज्य में कानून व्यवस्थाकीस्थितिपरलंबीबैठक की थी। अधिकारियों को निर्देश दिया था कि हर हाल मेंअपराध परकाबू पाना है। इस बाबत हर जिला के एसपी ने बैठक कर थाना प्रभारियों को कड़े निर्देश दिए थे। अपराध रोकने के लिए कई एसपी भी रात्रि गश्ती पर निकले थे। यह अपराधियों के लिए पैगाम था कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन इसका क्षणिक लाभ ही मिला। क्योंकि, अपराधी और आक्रामक हो गए और शुरू हुआ रंगदारी मांगने का सिलसिला। इससे पहले की पुलिस किसी बड़े अपराधी को गिरफ्तार करती, एक के बाद एक मामला सामने आते गया। बुधवार को फिर भोजपुर के ठेकेदार सुनील सिंह से 20 लाख की रंगदारी मांगी गई। ठेकेदार शाहपुर थाना क्षेत्र के शाहोडीह से लेकर सिकरिया हाल्ट तक निर्माण कार्य करवा रहे हैं। वे बड़हरा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक आशा देवी के रिश्तेदार भी हैं। उनके मोबाइल पर मुजफ्फरपुर जेल में बंद कुख्यात अपराधी दानी यादव ने धमकी भरा मैसेज भेजा था। मंगलवार को पूर्वी चंपारण स्थित गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र के लोजपा विधायक राजू तिवारी से अज्ञात अपराधी ने 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। उनके सेलफोन पर अपराधियों ने धमकी भरा मैसेज भेजा था। विधायक राजू तिवारी पूर्व विधायक राजन तिवारी के भाई हैं। गए सप्ताह बोचहां की निर्दलीय विधायकबेबी कुमारी सेफोन पर एक करोड़ कीरंगदारी मांगीजा चुकी है। कुछ अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ कुछ सुबूत लगे हैं, लेकिन कई अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। इस सच को नकारा नहीं जा सकता है कि विधायक व उनसे जुड़े लोग ऊंची पैठ वाले होते हैं। इनसे रंगदारी मांगने का मतलब शासन–प्रशासन को धमकी देना है। इनदिनों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें किसी बात का डर नहीं है। एक पखवारे में दो विधायकों से रंगदारी मांगकर अपराधियों ने पुलिस प्रशासन को खुलेआम ललकारा है। एक अन्य बैठक में सीएम‘लॉ एंड ऑर्डर’ की स्थिति पर डीजीपी को कड़ी फटकार लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधी हर दिन नई-नई घटनाओं के अंजाम दे रहे हैं। लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। ऐसे में प्रशासन के प्रति जनता में अविश्वास कायम होना स्वाभाविक है। एक बात तो साफ है कि अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। इनके मन में कानून का डर कम हुआ है। इस भय को फिर से पैदा करने के लिए पुलिस को अपनी रणनीति बदलनी होगी। टेक्नोलॉजी के इस दौर में हाईटेक प्रणाली के उपयोग को और बढ़ाना होगा। यह भी देखने को मिल रहा है कि जिस नंबर से धमकी दी जाती है, उसे अपराधी नष्ट कर देते हैं। ऐसे में पुलिस को तहकीकात करने में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वरीय पुलिस अधिकारियों को भी कड़ी मॉनीटरिंग करने की जरूरत है। शिथिलता पूर्वक काम करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस को भी चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। रंगदारी की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए पुलिस प्रशासन को चुस्त और दुरुस्त होकर काम करना होगा। तभी, अपराधियों पर लगाम कसी जा सकेगी।
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