AKSHAR
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आँगन में मेरे
एक नन्हीं परी
हंसती, खिलखिलाती, मचलती
जैसे एक नन्हीं सरी
कभी रुठती कभी मनती
कभी तितली कभी चिड़िया बनती
हरपल बस खुशियाँ बरसाती
सबको हर्षाती
जीवंत है उसके बल से
मेरा घर आँगन
बरसते सुख, शान्ति, समृधि
बिन बादल बिन सावन
आँगन में मेरे एक नन्हीं परी.
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