AKSHAR
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जीर्ण-शीर्ण
पात-पुष्प विहीन
मात्र ठूंठ शेष
आज ढह गया.
परन्तु जीवित है यह
वृक्ष आज भी
अपने जैसे अनेक
युवा वृक्षों में
जो पल्लवित हुए
इसके बीजों से
और
लहरा रहें हैं
अनेक आंगनों और बागों में.
वृक्ष की जीवन कथा
नीरस मगर महत्वपूर्ण है
जीवन भर
जो समस्त जीवों को
फलों और पुष्पों
से सराबोर करता रहा
देता रहा प्राणवायु
निस्वार्थ
वही वृक्ष
छोड़ जाता है अनेक
छोटे-बड़े वृक्षों को
जीवों की सेवा हेतु.
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