फ़ोनेटिक टाइपिंग में कठिन शब्दों को टाइप करते समय आपकी जान निकल जाती है? रेमिंगटन (कृतिदेव) पद्धति से यूनिकोड हिंदी टाइप करने का कोई बेहतरीन औजार आपके पास अभी भी नहीं है? हिंदी टाइपिंग के लिए बेहतर विकल्प की तलाश में घूम रहे हैं?
इनस्क्रिप्ट हिंदी टाइपिंग क्यों नहीं सीखते?
अब कोई बहाना नहीं चलेगा. क्योंकि अब आ गया है आपको परिपूर्ण वैज्ञानिक पद्धति से तैयार इनस्क्रिप्ट हिंदी टाइपिंग सिखाने का एक नया, शानदार प्रोग्राम : स्पर्श.
इस नए प्रोग्राम – स्पर्श बीटा संस्करण 1 को तैयार किया है हिंदी प्रौद्योगिकी व हिंदी जाल-जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर श्री बालेंदु शर्मा दाधीच ने.
पर, इस प्रोग्राम की खूबियों और उसके इस्तेमाल के बारे में चर्चा करने से पहले कुछ बातें इनस्क्रिप्ट की करें, ताकि आप इनस्क्रिप्ट हिंदी टाइपिंग सीखने के लिए प्रेरित तो हों!
नीचे दिया गया मसाला भी स्पर्श प्रोग्राम के गाइड बुक से ही निकाला गया है :
इनस्क्रिप्ट क्या है और इसे क्यों सीखें?
इनस्क्रिप्ट हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर पर टाइप करने के लिए भारत की आधिकारिक पद्धति है। इसे भारतीय मानक ब्यूरो ने एक मानक (स्टैंडर्ड) के रूप में मान्यता प्रदान की है, ठीक वैसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनीकोड एक मानक है या फिर भारत में उत्तम गुणवत्ता की वस्तुओं के लिए ISI मानक प्रचलित है। अन्य कोई भी कीबोर्ड भारतीय भाषाओं के लिए मानक के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है और इसके वैज्ञानिक कारण हैं।
हर डिजिटल डिवाइस (कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन या अन्य) पर भारतीय भाषाओं के लिए इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड स्वतः मौजूद होता है, क्योंकि यही हमारा आधिकारिक मानक कीबोर्ड है। अन्य सभी कीबोर्ड पद्धतियों को लाने के लिए अलग से साधनों की जरूरत होती है।
हर आपरेटिंग सिस्टम में इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड टाइपिंग पद्धति स्वतः मौजूद होती है। भले ही वह विंडोज का कोई भी संस्करण हो, मैकिन्टोश हो या लिनक्स हो। सभी मोबाइल फोनों और अन्य डिजिटल युक्तियों पर भी यही स्थिति है। भविष्य में भी ऐसा ही होगा।
इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड में कुंजियों (keyboard keys) का संयोजन इस तरह किया गया है कि यह तेज गति से टाइप करने में मदद करता है। यदि समय लगता है तो टाइपिंग के अभ्यास के दौरान। उसके बाद गति अन्य पद्धतियों की तुलना में तेज होती है।
इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड का आधार वैज्ञानिक है। इसमें मात्राएँ बाईं तरफ रखी गई है क्योंकि उनका प्रयोग सामान्य अक्षरों की तुलना में कम होता है। कीबोर्ड पर दाईं ओर वे अक्षर रखे गए हैं जिनका अधिक प्रयोग होता है। कीबोर्ड की मध्यवर्ती पंक्ति में वे अक्षर लिए गए हैं जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं।
इनस्क्रिप्ट पद्धति वास्तविक रूप से ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) पद्धति है, जो देवनागरी लिपि के लिए अत्यंत अनुकूल है। स्वयं देवनागरी भी ध्वन्यात्मक लिपि है, जिसमें उसी तरह से लिखा जाता है जैसे कि हम बोलते हैं।
इस टाइपिंग पद्धति में हलंत का प्रयोग कर आधे अक्षरों के लिए अलग से कुंजियां याद रखने की समस्या खत्म कर दी गई है। हर पूर्ण अक्षर के बाद हलंत दबाने पर उससे जुड़ा अर्धाक्षर निर्मित हो जाता है। जैसे क + ् से स्वतः आधा क बन जाता है।
संयुक्ताक्षर भी विभिन्न अक्षरों और हलंत के संयोजन से खुद ही बन जाते हैं। जैसे द्ध बनाने के लिए द + ् + ध लिखने की जरूरत है। इस प्रकार इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड पर काम करने के लिए बहुत कम कुंजियों को याद करने की जरूरत है।
नुक्ते और अक्षरों के नीचे लगने वाली बिंदु दोनों के लिए एक समान कैरेक्टर ( ़ ) का प्रयोग किया जाता है जो बड़े कोष्ठक के समापन चिह्न ] वाली कुंजी पर मौजूद है। यह चिह्न अक्षर के हिसाब से स्वयं ही सही स्थान पर लग जाता है।
मूल रूप से रोमन से आए चिह्नों को अंग्रेजी के कीबोर्ड से ही ज्यों का त्यों हिंदी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे प्रश्नवाचक चिह्न लगाने के लिए पहले अपने कीबोर्ड की लिपि रोमन करें और फिर ? कुंजी दबाएं। इसके बाद लिपि पुनः देवनागरी कर लें। यूनिकोड में विभिन्न भाषाओं के अक्षर साथ-साथ प्रयुक्त किए जा सकते हैं।
याद रखें- जो लोग सिर्फ एकाध बार हिंदी में काम करना चाहते हैं या शौकिया तौर पर कभी-कभार दो-चार पंक्तियां देवनागरी में लिखते हैं और प्रामाणिक ढंग से हिंदी की टाइपिंग सीखने के लिए समय निकालने में असमर्थ हैं, वे ट्रांसलिटरेशन या किसी भी अन्य सहायक टूल का प्रयोग कर ऐसा कर सकते हैं। लेकिन यदि आपका व्यवसाय ही हिंदी से जुड़ा है, आपको बड़े पैमाने पर हिंदी में काम करना है या फिर आप हिंदी के प्रामाणिक तरीके से ही कंप्यूटर पर काम करना चाहते हैं तो इनस्क्रिप्ट जरूर अपनाएं। चार-पांच दिन तक रोजाना एक-दो घंटे के अभ्यास से इसे सीखा जा सकता है और उसके बाद कंप्यूटर बहुत आसान और मैत्रीपूर्ण बन जाता है।
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