Menu
blogid : 20465 postid : 887354

केजरी,आटो ड्राईवर और जनता।

एक सोंच
एक सोंच
  • 51 Posts
  • 19 Comments

केजरी,आटोड्राईवर और जनता।

दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी भले ही आम लोगों के लिए काम कर रही हो पर केजरीवाल के हमेशा से समर्थक रहे आटो ड्राईवर दिल्ली के जनता को परेशान करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। इनकी मनमानी किराए की वसूली आज भी जारी है। हालांकि सारे आटो वाले ऐसा नही करते हैं कुछ अपनी ईमानदारी आज भी दिखाते हैं। इतना ही नही इन आटो ड्राईवरों में बहुतों को तो बोलने का ढंग भी नही है। हर छोटी सी दूरी पर मनमानी किराया बोल देते हैं।

साथ ही कहते हैं  इतना देना है तो दो वरना किसी और को देख लो। बात ये नही चुभती की दूरी कम और किराया ज्यादा, बोलने का लहजा भी ठीक नही होता। एक ईमानदारी की दांस्ता एक आटो ड्राइवर से मिली, तो मुझे लगा कि कुछ लोग तो हैं जो दिल्ली के लोगों के बारे में सोचते हैं। मैं मयूर विहार फेस-3 से अपने घर के लिए जा रहा था। उचित समय पर मुझे आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचना था। घर से निकल कर आटो का इंतजार कर रहा था। तभी एक आटो को रूकवाया, मैने उससे कहा कि आनंद विहार रेलवे स्टेशन तो उसने कहा 120 रूपए लगेगे। फिर कहा 110 देना है। मैने मना कर दिया, उसे लगा शायद ट्रेन पकडनी है, जो मर्जी है मांग लो।

मीटर से चलने के लिए कहो तो मीटर खराब हो जाता है। यही हाल तीन से चार आटो ड्राईवर का रहा। किसी 150 रूपए मांगें तो किसी ने 100 रूपए। एक बार दिल तो कह रहा था कि दे दूं और चला जाऊं। तभी एक आटो आया उसने पूंछा कहां जाना है, जबाब सुनकर कहा चलो, मैने कहा पैसे बता दो, तो उसने कहा 70 रूपए दे देना, फिर वो 60 में राजी हो गया। मुझे नही पता कि मैं उसे कम किराया दे रहा हूं, पर इतना जरूर था कि दोनों के लिए शायद फायदा जरूर था। तभी वो आटो ड्राइवर तैयार हो गया था। घर पर पहुंचने के 5 दिन बाद मै वापस दिल्ली आ रहा था। वहीं आनंद विहार से मयूर विहार का सफर एक बार फिर तय करना था।

ये बताने से पहले एक नज़र घर पर डालना चाहेंगें।  घर पर खबरिया चैनल देख रहा था, तभी दिल्ली के मुख्यमंत्री आटो ड्राईवरों को सम्बोधित करते नजर आए। दिल में एक ख्याल आया, चलो अब शायद दिल्ली की जनता की परेशानी दूर हो जाएगी। केजरीवाल अपने चहेतों को समझा रहे थे। कह रहे थे कि दिल्ली की जनता आटो ड्राइवरों से काफी परेशान रहती है। किराए को लेकर और बोलने के ढंग को लेकर। मुख्यमंत्री कह रहे थे कि आप(आटो वालो को) मेरे अपने हैं, दिल्ली की जनता की पूरी ईमानदारी से सेवा करों मै आप सबकी सेवा करूंगा।

सुनने में काफी अच्छा लगा। चलो कुछ तो सुधरेगें। डीटीसी की हड़ताल की बात भी उस रैली में केजरीवाल ने कही और माना भी उस समय दोगुना किराया वसूला था आटो वालों ने। लोगों की मजबूरी थी देना। आफिस, इंटरव्यू, अस्पताल आदि जरूरी जगह जाने के लिए बस का नही केवल आटो का सहारा था। तो जितना एक दिन में वसूल सकते हो वसूल लो। इसी एक दिन में जनता से वसूलकर लखपति तो बन नही जाओगे, पर हजारपति तो बन जाओगे। क्या सोच थी इन आटो वालों की। लोग परेशान हो रहे थे। बस का न चलना मुसीबत बन गया था। उस रैली में केजरीवाल ने एक हेल्प लाइन भी जारी की, जिस पर आटो ड्राईवरों की शिकायत कर सकते हैं अगर वो कुछ गलत व्यवहार बगैरह करते हैं। दिल में थोड़ी सी खुशी हुई।

चलों अब जो तो दिल्ली की जनता के हाथ में है। 5 दिन बाद जब मैं वापस आया तो सोचा कि अपने चहेते कि बात सब मानते हैं, आटो वाले भी केजरीवील की बात को मान गए होगें। दो दिन पहले केजरीवाल का सम्बोधन और फिर दो दिन बाद का हाल दिल्ली के आटो वालों का। मैने फिर पूंछा कि मयूर विहार फेस-3 तो फिर से वही जवाब 150 रूपए, कोई 120 रूपए तो कोई मना कर रहा जाने के लिए। एक तरफ तेज धूप से, दूसरी तरफ आटो वालों को पूछते- पूछतें थक गया। कोई 120 से कम राजी नही है रहा था। मुझसे रहा नही गया, मैने एक से पूंछ लिया। भाई दो दिन पहले तो आप सबको समझाया गया है। उसने कहा किसने समझाया, तो मैने कहा आप के मुख्यमंत्री ने और किसने, नजारा देखने वाला था। उसने कहा फर्जी वात मत करो चलना है तो 120 रूपए दो, मैने कहा शिकायत के लिए हेल्प लाइन भी शुरू कर दी है। गुस्से से उसने बोला जाओ कर दो शिकायत।

घर का खर्च चलाने के लिए मुख्यमंत्री नही आते हैं। दिन भर कमाता हूं तब चलता है। मैने भी बहस का मन बना लिया था, ताकि और भी बाते जान सकूं उनके दिल की, तो कह दिया कि घर का खर्च चलाने के लिए जनता को लूटना शुरू कर दोगे। उसने बिना कुछ जवाब दिए आखों में गुस्सा लिए अपने आटो का गियर बदलते हुए तेजी से आगे चला गया। तो मुझे लगा, मुख्यमंत्री ने शायद भैंस के आगे बीन बजाई है। मैने अपना समान उठाया और चल रही टाटा मैजिक से 15 रूपए देकर मयूर बिहार फेस-3 आया। ये कोई पहला वाक्या नही है, दिल्ली रेलवे स्टेशन से तो 250, 230, 200 रूपए मांगते हैं ये आटो वाले।

लोग परेशान हो जाते हैं पर क्या करें मजबूरी है। ऐसे न जाने कितने लोग बाहर से आते हैं आटो ड्राईवर उनसे मन मुताबिक किराया वसूल करते हैं। दिल्ली की जनता के लिए ये परेशानी आज भी है, और रहेगी। बात यहां के लोगों की नही बाहर से घूमने आए लोग भी अपने घर जाकर इनकी बुराई करते हैं।  अगर आप दिन भर आटो चलाकर पैसा कमा रहे हैं तो दूसरा भी दिनभर काम करके ही कमा रहा है, ऐसे में इतना क्यों ? अपनी छवि को बिगाड़ रहे हो। आप जिसे चाहते है, और उसे दिल्ली में दोबारा मौका दिया सत्ता का उसकी बात तो सुन सकते हैं। अगर दिल्ली सरकार आप के लिए इतना करने के लिए तैयार है तो आप का भी फर्ज है दिल्ली के लोगों की सेवा करना। ईमानदारी के लिए आप ने केजरीवाल को चुना, और ऐसा कर आप  खुद पर दाग लगा रहे हो।

रवि विनोद श्रीवास्तव

Email-ravi21dec1987@gmail.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh