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Aashirwaad by Dushyant Kumar

hindi kavita........ (Meri kuch pasandeeda kavitaayein)
hindi kavita........ (Meri kuch pasandeeda kavitaayein)
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जा तेरे स्वप्न बड़े हों
भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें
चाँद तारों सी अप्राप्य ऊँचाइयों के लिए
रूठना मचलना सीखें
हसें
मुस्कुराएं
गाएं
हर दिए की रौशनी देखकर ललचायें
हाथ जलायें
अपने पैरों पर खड़े हों
जा तेरे स्वप्न बड़े हों ……

अतुल जी मेरी तरफ से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें और बाकी ये कविता आपसे सब कह देगी

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