Zindagi Zindagi
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हमें भी मुस्कुराना आ गया है
पिया से दिल लगाना आ गया है,
,
चली ठंडी हवायें अब यहाँ पर
हमें भी गुनगुनाना आ गया है
,
मिले जो तुम मिला सारा जहाँ अब
यहाँ मौसम सुहाना आ गया है
,
खिला उपवन यहां गाती फ़िज़ाये
बहारों का ज़माना आ गया है
,
बंधी है प्रीत की यह आज डोरी
उन्हें अपना बनाना आ गया है
रेखा जोशी
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