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जब भी हम किसी कपल की बात करते हैं तो एक बात बड़ी कॉमन सी होती है कि लड़के की उम्र लड़की से अधिक होगी. भले ही उम्र का यह फासला कुछ दिनों या महीनों से लेकर सालों का क्यों ना हो, एक नॉर्मल कपल वही समझा जाता है जिसमें लड़का अपनी महिला साथी से उम्र में बड़ा हो. भारतीय समाज की विशेषता ही कुछ ऐसी बन गई है कि लड़का और लड़की के बीच उम्र एक बड़ा मानक साबित होने लगा है. वैसे मनोचिकित्सकों के अनुसार भी यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि लड़कियां अपने समकक्ष आयु वाले लड़कों की अपेक्षा ज्यादा परिपक्व होती हैं इसलिए विवाहित संबंधों के मद्देनजर पुरुष की उम्र अधिक होनी चाहिए ताकि वह एक परिपक्वता की कसौटी में खरा उतर पाने में सक्षम हो सके.
पारुल को अपने से 7 वर्ष छोटे पुरुष से प्रेम हो गया है और अब वह उससे शादी करने का निश्चय ले चुकी है. लेकिन वह इस बात को लेकर दुविधा में है कि क्या उसे अपने से उम्र में काफी छोटे लड़के से शादी करनी चाहिए या नहीं?
पारुल जहां तक प्यार और शादी की बात है तो ऐसे रिश्तों में उम्र कोई मायने नहीं रखती. उम्र सिर्फ एक संख्या ही कही जाएगी जिसका संबंध भावनाओं से तो बिल्कुल नहीं है. आप अपने लव इंट्रस्ट को सामान्य तरीके से डेल करें, अगर वह भी आपसे विवाह करने के लिए तैयार हैं तो बेहिचक अपने परिवार से उन्हें मिलवाएं. आज की तारीख में बहुत से ऐसे विवाहित जोड़े हैं जिनके बीच उम्र का एक बड़ा फासला है, जिनमें से पुरुष की उम्र ज्यादा बड़ी है. उम्र के फासले से ज्यादा आप दोनों के बीच की समझ जरूरी होती है. अगर आप दोनों एक-दूसरे के साथ सहज हैं तो फिर किसी और चीज की फिक्र आपको नहीं करनी चाहिए.
लेकिन इस संबंध का दूसरा पक्ष परिपक्वता के आधार पर कमजोर पड़ जाता है क्योंकि मैंने आपको पहले ही यह कहा है कि पुरुषों में परिपक्वता अपेक्षाकृत देर से आती है और आप दोनों के बीच 7 साल का फासला है. इसलिए अगर आपको अपने साथी की परिपक्वता पर थोड़ा सा भी संदेह है तो आपको आपको अपने रिलेशनशिप पर एक सेकेंड थॉट जरूर देना चाहिए. बाकी आप दोनों के ही ऊपर ये निर्भर है कि आप कैसे अपने संबंध को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
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