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प्रेम विवाह के लिए घरवाले आसानी से मान जाएंगे, बस आज करना होगा यह काम

मार्गशीर्ष माह के शुक्‍ल पक्ष की त्रयोदशी प्रेम में डूबे अविवाहित जोड़ों के लिए बेहद शुभ मानी गई है। इस दिन महत्‍वपूर्ण योग बन रहा है जो प्रेमविवाह करने के इच्‍छुक जोड़ों की मुश्किलें दूर कर देगा। यह विशेष योग 9 से 10 दिसंबर तक बन रहा है। इस दौरान कई ऐसे काम हैं जो प्रेमियों के करने पर उनके विवाह में आ रहे रोड़े दूर हो जाएंगे। इसके अलावा विवाहित जोड़ों के दांपत्‍य में खुशहाली आएगी।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan9 Dec, 2019

 

 

 

 

तीन अहम योग
हिंदू कैलेंडर में मार्गशीर्ष मास बेहद महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता है। दिसंबर की 9 तारीख को तीन विशेष योग बन रहे हैं। इस तिथि को अखंड द्वादशी, सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी व्रत के योग हैं। अनंग त्रयोदशी का योग प्रेमविवाह जोड़ों के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण है। यह योग मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर 9 दिसंबर की सुबह 09:54 बजे हो चुका है, जो 10 दिसंबर को सुबह 10:44 बजे तक है। इस दिन प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम को 05:25 बजे रात 08:08 बजे तक है। इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होगी।

 

 

 

भोलेनाथ और पार्वती की प्रेमविवाह कथा
इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा और व्रत रखने का विधान बताया गया है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान भोलेनाथ के प्रेम में डूबी माता पार्वती प्रेम विवाह पर अड़ गईं। उनकी घोर तपस्‍या तीनों लोक डगमगाने लगे तो भोलेनाथ विवाह के लिए मान गए। ऐसी मान्‍यता है कि प्रेम विवाह के दौरान और बाद में आने वाली मुश्किलों से बचने के लिए अनंग त्रयोदशी के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने के साथ व्रत रखना चाहिए।

 

 

 

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कामदेव और रति की पूजा से
मान्‍यताओं के अनुसार कैलाश पर वैरागी वेश में रहने वाले भोलेनाथ सांसारिक मोह माया से दूर थे। इसलिए उन्‍होंने देवी पार्वती के प्रेम निवेदन को ठुकरा दिया। भोलेनाथ को माता पार्वती से विवाह करने के लिए मनाने में कामदेव और उनकी पत्‍नी ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए अनंग त्रयोदशी के दिन कामदेव और रति की पूजा का भी विधान बताया गया है। जिस तरह भोलेनाथ और माता पार्वती के दांपत्‍य जीवन में कामदेव और रति सुख लाए थे उसी तरह प्रेमविवाह करने वालों के जीवन में सुख आता है।

 

 

 

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प्रेमी जोड़े इस तरह करें पूजा
प्रेम विवाह बिना बाधा के संपन्‍न हो जाए और परिजनों को मनाने के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद फूल चढ़ाएं। 13 बेलपत्रों के साथ जल में गुड़ घोलकर अभिषेक करें। प्रेम संबंधों में सफलता के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ कामदेव और रति की भी पूजा अर्चना करें। दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें। शाम को ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। फिर आप भी भोजन ग्रहण करें।…Next

 

 

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