कोरोना महामारी के चलते देश में करीब तीन महीने से लॉकडाउन लागू है। इस दौरान हर तरह के भीड़भाड जुटाने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई थी। इस वजह से लोगों ने शादी जैसे कार्यक्रमों को आगे के लिए टाल दिया था। अब लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद से नियमों का पालन करते हुए विवाह कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। इस माह विवाह के लिए कुल 7 शुभतिथियां थीं जिनमें से अब केवल 3 बची हैं।
सृष्टि के संचार के लिए विवाह जरूरी
पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य के लिए वैवाहिक जीवन का पालन करना अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। यह बंधन दो दिलों का मेल होने के साथ ही सृष्टि के संचालन का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है। हिंदू पुराणों के मुताबिक देवी देवताओं ने भी सृष्टि के लिए विवाह बंधन स्वीकार किए और इसे मनुष्यों पर भी लागू किया गया है।
लॉकडाउन में छूट के साथ शुरू हुए वैवाहिक कार्यक्रम
देश में मार्च से लॉकडाउन लागू है। कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन की व्यवस्था लागू की थी। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में ढील देते हुए कुछ शर्तों के साथ जरूरी कामों की छूट दे दी है। तभी से विवाह कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। हालांकि, इन कार्यक्रमों में सीमित लोगों के शामिल होने की ही अनुमति है।
जून में विवाह के लिए बचीं सिर्फ 3 शुभतिथियां
जून माह में लॉकडाउन में छूट के साथ इसे अनलॉक 1 का नाम दिया गया है। कई लोगों ने जून में विवाह के लिए शुभतिथियों को खंगालना भी शुरू कर दिया है। हिंदू रीति रिवाज से विवाह के लिए जून माह में कुल 7 शुभतिथियां बताई गई हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार इस माह की 4 शुभतिथियां बीत चुकी हैं और अब केवल 3 तिथियां ही शुभ बाकी हैं।
जून के बाद अगले दो माह तक विवाह की शुभ तिथि नहीं
बची तीन शुभ तिथियों में विवाह बंधन में बंधना अतिशुभ बताया गया है। द्रिक पंचांग के अनुसार जून में 9,13,14 और 15 शुभतिथि निकल चुकी हैं। अब विवाह योग शुभ तिथियों में केवल 25,16 और 28 ही शेष रह गई हैं। इन तीन तिथियों के बाद अगले करीब 4 महीने तक विवाह योग्य कोई शुभ तिथि नहीं है।…Next
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