व्यक्ति जो कुछ भी अपने जीवन में करता है उसका एक मात्र लक्ष्य होता है आनंद की प्राप्ति. लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि किसी भी कार्य से मिलने वाला आनंद दो प्रकार का होता है. स्थायी और अस्थायी. आचार्य चाणक्य ने भी अपनी एक नीति में चार ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिनसे हमें कुछ ही समय का आनंद मिलता है.
अगर चाणक्य के इन 5 प्रश्नों का उत्तर है आपके पास तो सफलता चूमेगी आपके कदम
आकाश में घिरे हुए बादलों की छाया
जब भी आकाश में बादल घिर आते हैं तो उसकी छाया बहुत ही सुखद लगती है. सूर्य की गर्मी से राहत मिलती है, लेकिन छाया का ये आनंद पलभर का ही होता है. बादल पलभर में ही चले जाते हैं और सूर्य की गर्मी फिर से बढ़ जाती है.
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किसी बुरे व्यक्ति की सेवा से मिला लाभ
यदि किसी बुरे व्यक्ति की सेवा करके कोई लाभ प्राप्त किया गया है तो वह भी पलभर का ही आनंद देता है. बुरे व्यक्ति की न तो दुश्मनी अच्छी होती है और ना ही दोस्ती. ऐसे लोगों से दूर रहने में ही भलाई है. गलत काम करने वाले व्यक्ति की संगत से लाभ मिल सकता है, लेकिन हम बड़ी-बड़ी परेशानियों में भी उलझ सकते हैं. इनसे बचना चाहिए.
दुष्ट इंसान का प्रेम
यदि कोई व्यक्ति दुष्ट स्वभाव का है तो उसका प्रेम पलभर के लिए ही होता है. दुष्ट स्वभाव के लोग पलभर में ही प्रेम भूलकर दुष्टता कर सकते हैं. इन लोगों का प्रेम थोड़े समय के लिए ही आनंद दे सकता है. यदि लंबे समय तक सुखी रहना चाहते हैं तो इन लोगों के क्षणिक प्रेम में नहीं उलझना चाहिए और इनसे दूर रहना चाहिए.
तिनके की आग
तिनके की आग भी क्षणभर के लिए ही होती है. इसकी आग से कुछ पल के लिए ही अंधकार दूर करके रोशनी का आनंद लिया जा सकता है…Next
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