भारत में धनतेरस पर्व को धूमधाम से मनाने और आभषूण, बर्तन, वाहन आदि खरीदने की परंपरा भी है। माना जाता है कि इस दिन इन वस्तुओं की खरीदारी से घर में खुशहाली और संपन्नता का वास होता है। भगवान धनवंतरि को समर्पित यह पर्व इस बार 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शास्त्रों में इस दिन को बेहद शुभ माना गया है लेकिन इस कुछ कार्यों को पूर्णता वर्जित किया गया है। मान्यता है कि इस दिन 5 कार्य नहीं करने की बात कही जाती है, अगर यह काम गलती से भी हो जाएंं तो बेहद अशुभ संकेत माना जाता है।
गृह प्रवेश वर्जित
धनतेरस के दिन नए घर में रहने की शुरुआत को अशुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाए जाने का विधान है। इस दिन वास्तु के सुप्तावस्था में होते हैं। ऐसे में इस दिन गृह प्रवेश पूर्णता वर्जित है। ऐसा करने पर घर के मुखिया या मालिक की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। परिवार के अन्य सदस्य भी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इससे बचने के लिए धनतेरस के दिन गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
मुख्य द्वार पर जूता-चप्पल न रखें
ऐसी मान्यता है कि धनतेरस में भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए पूजा और उनकी आराधना की जाती है। इसके अलावा देवी लक्ष्मी के आगमन की तैयारियां भी जाती हैं। देवी लक्ष्मी जो धन और संपदा की देवी हैं तो भगवान धनवंतरि सुख और स्वास्थ्य के देवता हैं। इन दोनों का आगमन मुख्यद्वार से होता है। ऐसे में अपने घर के मुख्यद्वार पर जूते या फिर चच्चलें न रखें। क्योंकि यह उनके अपमान और गंदगी का द्योतक मानी जाती हैं।
कूड़ा-कचरा घर में रखें
धनतेरस से पहले ही घर की साफ सफाई की जाती है क्योंकि देवी लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि और गणेश घर में प्रवेश करते हैं। इनके आगमन के लिए हर व्यक्ति तैयारी करता है। इसमें सबसे जरूरी पहलू गंदगी और कूड़ा-कचरा है। लोग घर की सफाई तो कर लेते हैं लेकिन कचरा घर के किसी कोने में जमा कर देते हैं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्चा का संचार बढ़ जाता है, जिससे घर में अशुभ होने की संभावना बढ़ जाती है।
धनवंतरि की पूजा जरूरी
धनतेरस भगवान धनवंतरि के लिए पूर्णता समर्पित पर्व है। इस दिन उनकी पूजा का विधान है। लेकिन लोग इस दिन सिर्फ देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर लेते हैं और धनवंतरि की आराधना भूल जाते हैं। ऐसा करने पर भगवान धनवंतरि का कोप तो आप पर पड़ता ही है साथ ही कुबेर और लक्ष्मी के कोप का भागी बनना पड़ता है। ऐसा होने पर आपके यहां अशुभ घड़ी की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में घर में दरिद्रता, गंदगी, क्लेश, दुख और परेशानियां पनपने लगती हैं।
लड़ाई-झगड़ा न करें
धनतेरस को सबसे खुशहाली का पर्व माना गया है। मान्यता है कि भगवान धनवंतरि इस दिन स्वर्ग से निकलकर पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। इस दौरान वह अपने भक्तों के घरों में प्रवेश कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ और बीमारियों से बचने का वरदान देते हैं। वहीं, जिस घर में इस दिन क्लेश होता है वहां धनवंतरि प्रवेश नहीं करते हैं और उनका कोप परिवार के सदस्यों पर पड़ता है। धनवंतरि के नाराज होने पर घर में बीमारियों का वास हो जाता है।…Next
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