गरुड़ पुराण में कुछ सलाह दिए गए हैं. जानिए किन-किन लोगों के यहाँ अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.
कई बार हम दोस्तों या समाज के लोगों के यहाँ किसी खास अवसर पर भोजन करने चले जाते हैं. ऐसा करना सामाजिक व्यवहार होता है. लेकिन इस विषय में गरुड़ पुराण का कहना है कि कोई कितना भी आपका घनिष्ट क्यों न हो, यदि ये अवगुणों में से किसी एक अवगुण हो तो उनके घर या साथ भोजन नहीं करना चाहिए.
कोईचोरयाअपराधी– वैसे व्यक्ति जिनकी सामाजिक छवि चोर या अपराधी की हो उनके साथ या घर भोजन नहीं करना चाहिए. उनके व्यर्थ की कमाई का भोजन करने से आपके विचार दूषित हो सकते है.
चरित्रहीनस्त्री- चरित्रहीन स्त्री के हाथों से बना या उनके घर का भोजन नहीं करना चाहिए. गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, तो परिणाम स्वरूप उस स्त्री के पापों का भाजक बनता है.
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सूदखोर– ब्याजखोर लोगों के यहाँ भोजन करने के लिए गरुड़ पुराण में इसलिए मनाही है क्योंकि उनके घर गलत ढंग से कमाया गया धन होता है. लोगों के मजबूरियों और खून से चूसा गया नाजायज धन से बना भोजन का गलत असर मनुष्य के अचार-विचार पर होता है.
चुगलखोरव्यक्ति– वैसे मनुष्य जिसका चुगली करना स्वभाव एमं हो उनके यहाँ भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसे व्यक्ति हंसी-माज में बोली गई बात को लेकर आपको परेशानी में फंसा सकता है.
अत्यधिकक्रोधीव्यक्ति- जो मनुष्य बात-बात पर क्रोधी हो जाते हैं. उन्हें क्रोधी के समय भला-बुरा का भान नहीं रहता है. अत: उनके यहाँ भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके स्वाभाव से आप संक्रमित हो सकते हैं.
नपुंसकयाकिन्नर- किन्नरों को दान देने का विशेष विधान है. कहा जाता हैं कि उन्हें दान देने वाले सभी प्रकार के लोग होते हैं. उनके यहाँ भोजन करने से मनुष्य का विचार एक समान नहीं रहा जाता है.
निर्दयीव्यक्ति– कभी भीनिर्दयी मनुष्य के यहाँ भोजन नहीं करना चाहिए. यह मनुष्य सभी को हमेशा कष्ट देते रहते हैं. उनके द्वारा अर्जित धन से बना भोजन की प्रकृति भी उसी के समान होता है.
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रोगीव्यक्ति- गरुड़ पुराण में वैसे लोगों के यहाँ भोजन करने की मनाही है जो गंभीर बीमारी से पीड़ित है. इससे अतिथि भी उस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं.Next…
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