हिंदू धर्म में हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता है जो शीघ्र अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है। हनुमान जी को भगवान राम का सबसे बड़ा भक्त माना गया है। ऐसे में क्या आप जानत हैं कि हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगता हैं, साथ ही उनसे जुड़ी कुछ और खास बातें।
भगवान शिव के अवतार हैं हनुमान जी
शिव का अवतार राजा दशरथ ने पुत्र की प्राप्ति के लिए हवन का आयोजन किया था जहां ब्राह्मणों ने उन्हें अपनी सभी पत्नियों को खीर खिलाने के लिए दी थी। उनकी पहली पत्नी कौशल्या के पात्र की थोड़ी सी खीर एक पक्षी लेकर उड़ गया और ध्यान में लीन अंजना के पास पहुंचा। वायु व पवन देव ने इसे भगवान शिव का प्रसाद कहकर अंजना के हाथ में रख दिया। भगवान शिव का प्रसाद समझकर अंजना इसका सेवन कर लेती है और इस तरह भगवान शिव के अवतार हनुमान जी का जन्म होता है।
भगवान राम के लिए हनुमान जी लगाते थे सिंदूर
हनुमान जी, भगवान राम के परम भक्त हैं और माता सीता को सिंदूर लगाते देख हनुमान जी ने उनसे इसका कारण पूछा। तब सीता माता ने बताया कि वो भगवान राम की दीर्घायु के लिए सिंदूर लगाती हैं। ये सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया।
हनुमान जी का मकरध्वज नामक पुत्र
मकरध्वज का जन्म ब्रह्मचारी होने के बाद भी हनुमान जी का मकरध्वज नामक पुत्र है जिसका जन्म मछली से हुआ था। लंका दहन के बाद हनुमान जी की पूंछ में आग लगी थी। जिसे बुझाने के लिए वो समुद्र में कुछ देर बैठ गए। तब उनके पसीने की एक बूंद उस समुद्र के मछली के पेट में चला गया। इस तरह मछली के पेट से मकरध्वज का जन्म हुआ।
हनुमान जी ने भी लिखी थी रामायण
हनुमान जी ने भी लिखी थी रामायण लंका युद्ध के बाद भगवान राम की सेवा के लिए हनुमान जी हिमालय पर चले गए। यहां पर उन्होंने हिमालय के पर्वत की दीवारों पर स्वयं की रामायण लिखी थी।
हनुमान जी के हैं 108 नाम
संस्कृत भाषा में हनुमान जी के 108 नाम हैं। उनमें से कुछ मारुति, अंजनेय, बजरंग बली, दीनबंधवे, कलनभा, महादूत, रामभक्त, सर्वग्रह, वागमिने और योगिनी आदि हैं।…Next
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