भागती-दौड़ती जीवनशैली में इंसान मन की शांति खोता जा रहा है. ऐसा लगता है जैसे भोग-विलास की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही इंसान में और भी पाने की इच्छा बढ़ती जाती है. कई बार तो ये इच्छा इतनी प्रबल होती है कि इंसान जाने-अंजाने कई समस्याओं से घिर जाता है. लेकिन सुख-शांति और सभी तरह की बाधाओं का विनाश कुछ मंत्रों के उच्चारण से संभव हो सकता है, क्योंकि मंत्रों का केवल आध्यात्मिक महत्व ही नहीं बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. आइए, हम आपको बताते हैं विभिन्न प्रकार की विपदा के समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही इन मंत्रों के जाप करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होने के साथ ही आपका जीवन भी बदल जाएंगा.
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ओम
अगर आपको लंबे-चौड़े मंत्र याद नहीं होते तो आप ओम मंत्र का जाप कर सकते हैं. ओम का अर्थ है ‘ब्रह्माड़ की ध्वनि.’ जब भी आपका मन अशांत हो तो आप अपनी आंखे बंद करके गहरी सांस लेकर ओम का उच्चारण करें. इस मंत्र को जपने से आपकी सहनशीलता और इच्छाशक्ति में वृद्धि होती है.
ओम नम: शिवाय
इस मंत्र का अर्थ है कि ‘हे शिव, मैं आपके सामने सिर झुकाता हूं.’ जब भी आपके आसपास के लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करें या आपके कार्यों को कम करके आंके, तो स्वंय में आत्मविश्वास और धैर्य का संचार करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
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लोकाः समस्ताः सुखिनो भवंतु
इस मंत्र का अर्थ है ‘संसार के सभी जीव खुश और सुखी रहें. उनके विचारों, शब्दों और आचरण में स्वच्छता का संचार हो. इस मंत्र का उच्चारण उस समय करना चाहिए जब किसी कारणवश आपको किसी व्यक्ति पर क्रोध आ रहा हो. इससे आपकी सहनशीलता बढ़ेगी और आपका मन शांत होगा.
ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु सह वीर्यंम करवावही: तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव: ओम
इस मंत्र का अर्थ है कि ‘हे ईश्वर हमारी रक्षा करो. हमें आपके आर्शीवाद की जरूरत है. हम में मानवता का संचार करके, एक साथ मिल-जुलकर काम करने की भावना का संचार करो’. इस मंत्र का उच्चारण उस समय करना चाहिए जब हम पर नकारात्मकता हावी होने लगे और हम अपने लक्ष्य से भटकने लगे.
ओम गण गणपतये नमो नमः
इस मंत्र का अर्थ है ‘मैं अपना मस्तक गज के शीष वाले, भगवान गणेश के चरणों मे झुकाता हूं.’ इस मंत्र का जाप तब करना चाहिए जब आपके सामने जीवन की कोई बड़ी चुनौती आई हो. साथ ही किसी नए काम को शुरू करने और किसी यात्रा पर जाते समय भी ये मंत्र बहुत प्रभावशाली होता है…Next
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