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वास्तु-दोष को शांत करना है तो ऐसे करें गणेश की वंदना

गणपति की वंदना कर वास्तु-दोषों को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है. यदि किसी वजह से आपके घर में वास्तु दोष है तो आपको नियमित रूप से गणेश की आराधना करनी चाहिए. मान्यता यह है कि घर के मुख्य द्वार पर यदि एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेश जी की प्रतिमा लगाए जिनकी पीठ आपस में मिली हो. इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है. आइए, कुछ ऐसे ही वास्तु दोषों से मुक्ति पाने के उपायों के बारे में जानें.

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भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो, उस स्थान पर घी मिश्रित सिन्दूर से स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है. घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में गणेश की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं. किन्तु यह ध्यान अवश्य रखें कि किसी भी स्थिति में इनका मुँह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए.

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जीवन में सब कुछ अच्छा और सुखमयी हो इसके लिए सिन्दूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहता है. ध्यान रहें कि विघ्नहर्ता की मूर्ति अथवा चित्र में उनके बाएं हाथ की ओर सूंड घुमी हुई हो. दाएं हाथ की ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं तथा उनकी साधना-आराधना कठिन होती है. वे देर से भक्तों पर प्रसन्न होते हैं. मंगल मूर्ति को मोदक एवं उनका वाहन मूषक अतिप्रिय है. अतः चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि चित्र में मोदक या लड्डू और चूहा अवश्य होना चाहिए.

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