Menu
blogid : 19157 postid : 779370

क्या माता सीता को प्रभु राम के प्रति हनुमान की भक्ति पर शक था? जानिए रामायण की इस अनसुनी घटना को

दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना…. इस भजन में जहां श्रीराम सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं, वहीं बाल ब्रह्मचारी हनुमान ने अपनी निस्वार्थ भक्ति और अनन्य प्रेम से भगवान श्रीराम के दिल में ऐसी जगह बनाई कि दुनिया उन्हें प्रभु राम का सबसे बड़ा भक्त मानती है. हनुमान जी की भक्ति सामान्य नहीं थी अपितु परा भक्ति की श्रेणी में आती थी. उनके इसी निष्काम सेवा भक्ति से श्रीराम के अन्य भक्त हनुमान  से जलते थे और समय-समय पर सवाल उठाते थे.



hanuman sita



हनुमान की भक्ति पर सवाल उठाने वालों में माता सीता भी रही हैं जिन्होंने हनुमान जी की सेवा और भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अष्टसिद्धि तथा नवनिधि का दाता बनाया था. दरअसल बात उस समय की है जब लंका में रावण को परास्त करने के बाद प्रभु राम, माता सीता अपने भक्त और सेवक हनुमान  के साथ अयोध्या वापस लौट चुके थे. प्रमु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था, राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी, समस्त गुरुजनों की उपस्थिति में प्रमु राम को राजा बनाया जा रहा था.



Read: 21वीं सदी का असली बाल हनुमान!!


राज्याभिषेक के बाद अब वक्त था उन लोगों को उपहार देने का जिन्होंने प्रभु भक्ति का परिचय दिया था. जब हनुमान  की बारी आई तब भगवान राम ने अत्यंत मूल्यवान मोतियों की माला अपने गले से उतारकर हनुमान जी को दी,जिसका मूल्य बहुत ज्यादा था.



god shri ram & hanuman011



लेकिन इतनी मूल्यवान माला होने के बावजूद भी हनुमान जी ने उसे अपने दांतों से तोड़ दिया और एक-एक मोती लेकर बड़े ध्यान से देखने लगे. सभागार में मौजूद सभी लोग हनुमान के इस व्यवहार से अचंभित हो गए. माता सीता ने उनसे इसका कारण पूछा  ”इतनी मूल्यवान माला आपने ऐसे क्यों तोड़ डाली?” इस पर हनुमान जी ने उत्तर दिया कि जिस पदार्थ से उन्हें राम नाम की ध्वनि नहीं सुनाई देती वह वस्तु उनके लिए व्यर्थ है.



hanuman-heart02



इस पर माता सीता ने हनुमान जी को परखते हुए कहा कि क्या आपके सम्पूर्ण शरीर से भी राम नाम की ध्वनि आती है? तब हनुमान जी ने अपना एक रोम उखाड़ा और माता सीता को दिया. माता सीता ने जब उसे कान पर लगाया तो उस रोम में से भी राम नाम की ध्वनि आ रही थी. माता सीता तथा लोगों के विश्वास को और ज्यादा पुख्ता करने के लिए हनुमान जी ने अपनी छाती चीर कर हृदय में बसे राम और सीता की छवि सभा में उपस्थित लोगों को दिखाई. सभा में मौजूद सभी महानुभाव हक्के-बक्के रह गए. भक्ति की इस पराकाष्ठा को देखकर भगवान राम ने हनुमान जी गले से लगा लिया.


Read more:

अपनी मारक दृष्टि से रावण की दशा खराब करने वाले शनि देव ने हनुमान को भी दिया था एक वरदान

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज़ है हनुमान जी का यह मंदिर, जानिए खासियत

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh