Menu
blogid : 19157 postid : 860536

इस देवता के क्रोध से आज भी उबल रहा है यहाँ का जल?

ऐसा क्या हो रहा है जिसके कारण लोग इस स्थान को किसी चमत्कार से कम नहीं मानते…



manikarn-kullu-54fd4f83a02e7_exlst



मणिकर्ण में एक स्थान ऐसा है जहाँ आज भी उबलता पानी बाहर निकलता रहता है. यह वही स्थान है जहाँ शेषनाग ने भगवान शिव के क्रोध से बचने के लिए दुर्लभ मणि बाहर फेंकी थी. शेषनाग ने भगवान शिव के क्रोध से बचने के लिये यह मणि  क्यों फेंकी इसके पीछे एक रोचक कहानी है. मान्यताओं के अनुसार मणिकर्ण  ऐसा सुंदर स्‍थान है जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने करीब 11 हजार वर्षों तक तपस्या की थी.


Read: कालस्वरूप शेषनाग के ऊपर क्यों विराजमान हैं सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु


मां पार्वती जब जल-क्रीड़ा कर रही थी तब उनके कानों में लगे आभूषणों की एक दुर्लभ मणि पानी में गिर गई थी. भगवान शिव ने अपने गणों को इस मणि को ढूंढने को कहा परन्तु लाख जतन करने के बाद भी वह मणि नहीं मिली. इस पर भगवान शिव बेहद क्रोधित हो गए. उनके क्रोध को देख तीनों लोकों के देवता भी कांपने लगे. तभी भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला जिसमें से शक्ति प्रकट हुई जिसका नाम नैना देवी हुआ.



manikarn-kullu-54fd4f78d2c17_exlst



शिवजी के तीसरे आँख से प्रकट नैना देवी ने देवताओं को बताया कि यह दुर्लभ मणि पाताल लोक में शेषनाग जी के पास है. इसके बाद सभी देवता शेषनाग के पास पहुंचे और इसे वापस करने की विनती करने लगे.  देवताओं की प्रार्थना पर शेषनाग ने दूसरी मणियों के साथ इस विशेष मणि को भी वापस कर दिया. शेषनाग ने जोर की फुंकार भरी जिससे इस जगह पर गर्म जल की धारा फूट पड़ी.


क्यों शिव मंदिर में गर्भगृह के बाहर ही विराजमान होते हैं नंदी?


पुनः विशेष मणि को प्राप्त कर मां पार्वती खुश हो गई. भगवान शिव का क्रोध भी शांत हो गया. इसी कारण इस जगह का नाम मणिकर्ण पड़ा. आज भी यहां पानी की एक धारा इतनी गर्म होती है कि इसमें कुछ ही मिनटों में चावल तक पक जाते हैं.Next…

Read more:

ऐसा क्या हुआ था कि विष्णु को अपना नेत्र ही भगवान शिव को अर्पित करना पड़ा? पढ़िए पुराणों का एक रहस्यमय आख्यान

क्यों इस मंदिर के शिवलिंग पर हर बारहवें साल गिरती है बिजली?

कैसे जन्मीं भगवान शंकर की बहन और उनसे क्यों परेशान हुईं मां पार्वती


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh