साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को लगेगा। इस चंद्रग्रहण को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जा रहा है, क्योंकि हर वर्ष का पहला चंद्रग्रहण होगा जो 77 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के मुताबिक चंद्रग्रहण के सूतक सुबह 7 बजे से शाम को 8 बजकर 41 मिनट तक रहेंगे। साल का पहला चंद्रग्रहण मध्य एवं पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इस दिन चांद तीन रंगों में दिखाई देगा, ऐसा चांद 35 साल बाद दिखाई देगा।
क्या होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाए। चंद्र ग्रहण तब होता है, जब सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा पूरी तरह या आंशिक भाग ढक जाती है। ऐसी स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक नहीं पहुंचने देती है, जिसके कारण पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नजर आता है।
भारत में इस वक्त लगेगा चंद्रग्रहण
31 जनवरी को भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 5.18 मिनट पर होगी, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 6.21 मिनट पर शुरू होगा और 7.37 मिनट तक चलेगा। कोलकाता में 31 जनवरी को दिन शाम करीब पांच बजकर 17 मिनट पर चंद्र ग्रहण देखा जाएगा, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण पांच बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा।
वैज्ञानिक मान्यता
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए यह समय को अशुभ माना जाता है। इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। इसी कारण समुद्र में ज्वार भाटा आते हैं, भूकंप भी गुरुत्वाकर्षण के घटने और बढ़ने के कारण ही आते हैं।
पौराणिक मान्यता
ज्योतिष के अनुसार राहु ,केतु को अनिष्टकारण ग्रह माना गया है। चंद्रग्रहण की के समय राहु और केतु की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है। इस कारण सृष्टि इस दौरान अपवित्र और दूषित को हो जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार चंद्रग्रहण के समय कुछ काम करने से बचना चाहिए।
क्या ना करें
1. ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे।
2. ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं।
3. किसी भी तरह का शुभ कार्य ना करें और पूजा भी ना करें, इसी वजह से ग्रहण के दौरान मंदिर के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं।
क्या करें
1. दान करें. दान में आटा, चावल, चीनी, दाल आदि दें।
2. ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए दुर्गा चालीसा या श्रीमदभागवत गीता आदि का पाठ भी करें।
3. जो लोग साढ़े-साती से परेशान हो तो शनि मंत्र का जाप करें या फिर हनुमान चालीसा पढ़ें।…Next
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