Menu
blogid : 19157 postid : 1376104

भगवान विष्णु को वरदान में मिला था सुदर्शन च्रक, कुछ ऐसी है कहानी

भगवान शिव और विष्णु से जुड़ी कई कहानियां पढ़ने को मिलती हैं उन्हीं में से एक है सुदर्शन चक्र की कहानी। संसार में सबसे शक्तिशाली इस चक्र को भगवान शिव ने ही विष्णु जी को दिया था। खास बात यह कि जिस दिन यह चक्र भगवान विष्णु को मिला उस दिन को बैकुंठ चतुर्दशी के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। क्या है इस चक्र की पूरी कहानी जानें।


cover shiva


पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु शिवजी का पूजन करने के लिए काशी गए। वहां के मणिकार्णिका घाट पर स्नान कर विष्णु जी ने एक हजार स्वर्ण कमल फूलों से भगवान शिव की पूजा का संकल्प लिया। इस बीच शिवजी ने भी भगवान विष्णु की भक्ति की परीक्षा लेने के लिए एक कमल का फूल कम कर दिया। विष्णु जी ने भी एक फूल की कमी देख अपनी आंख को शिव जी को चढ़ाने का संकल्प लिया। क्योंकि भगवान विष्णु जी की आंखों को कमल के समान सुंदर माना जाता है इसीलिए उन्हें कमलनयन और पुण्डरीकाक्ष भी कहा जाता है।



shiva

भगवान शिव ने दिया था आर्शीवाद

विष्णु जी जैसे ही अपनी आंख भगवान को चढ़ाने के लिए तैयार हुए, वैसे ही वहां स्वंय शिवजी प्रकट हुए और बोले कि इस पूरे संसार में तुम्हारे समान मेरा कोई दूसरा भक्त नहीं है। उस दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी थी लेकिन खुद भगवान शिव ने कहा कि अब से इस दिन को पूरा संसार बैंकुठ चतुर्दशी के रुप में मनाएगा।


krishna-with-sudarshan-chakra


साथ ही कहा कि जो इस व्रत के दिन पहले आपका और बाद में मेरा पूजन करेगा उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होगी। भगवान शिव ने विष्णु जी से प्रसन्न होकर सुदर्शन चक्र भी प्रदान किया और कहा कि तीनों लोकों में इसकी बराबरी करने वाला कोई अस्त्र नहीं होगा। यह अकेला चक्र राक्षसों का विनाश करने में सक्षम होगा।…Next



Read More :

आपके घर में है ‘मनीप्लांट’ तो भूल से भी न करें ये गलतियां

समुद्र शास्त्र: अगर इस उंगली पर है तिल मिलता है प्यार, दौलत और शोहरत

गरूड़पुराण : पति से प्रेम करने वाली स्त्रियां भूल से भी न करें ये 4 काम

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh