प्रयागराज में चल रहा कुंभ हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है। कुंभ में देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु मोक्ष की कामना के लिए गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। हिंदू धर्म को नहीं जानने वालों के लिए कुंभ एक सुनहरा मौका होता है, जिससे वह बेहद ही करीब से हिंदू धर्म को जान सकते हैं। अगर आप भी कुंभ नहाने प्रायगराज आ रहे हैं तो हम आपको बता रहें हैं कि प्रयागराज के आसपास किन धार्मिक जगहों पर आप घूम सकते हैं।
1. बनारस
बनारस प्रयागराज से 122 किलोमीटर की दूरी पर है। बनारस अपने आप में अध्यात्म का एक इतिहास समेटे हुआ है। इस शहर में करीब 80 अलग-अलग घाट हैं जिनमें अस्सी घाट, मर्णिकर्णिका घाट, दश्वाश्मेघ घाट और भी कई घाट प्रमुख हैं। घाटों के अलावा इस शहर को मंदिरों का भी शहर कहा जाता है। यहां तीन प्रमुख मंदिर हैं जिनमें बाबा विश्वनाथ मंदिर, काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भैरव बाबा का मंदिर मौजूद है। इसके अलावा सारनाथ पर्यटन स्थल भी है, जहां आप अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। इसके अलावा बनारस में आप रामनगर फोर्ट, चुनार फोर्ट और भारत कला भवन भी घूम सकते हैं। साथ ही आप बीएचयू का कैंपस भी घूम सकते हैं। बनारस के घाटों पर होने वाली शाम की महाआरती का नजारा काफी अद्भुत होता है।
2. चित्रकूट
प्रयागराज से चित्रकूट महज 130 किलोमीटर की दूरी पर है। चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले पहाड़ों की उत्तरी विंध्य श्रृंखला में है। भगवान श्री राम ने वनवास के समय चित्रकूट में वक्त बिताया था। इसके अलावा यहां यह भी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश अवतार ले चुके हैं। चित्रकूट में बहुत सारे मंदिर हैं। इन्हें देखने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
3. अयोध्या
प्रयागराज से अयोध्या की दूरी 169 किलोमीटर की है। अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है। इस कारण इस जगह की धार्मिक महत्वत काफी है। जैन धर्म के प्रणेता श्री आदिनाथ सहित पांच तीर्थंकर का भी जन्म अयोध्या में ही हुआ था।
4. विंध्याचल
विंध्याचल प्रयागराज से सिर्फ 88 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। विंध्याचल गंगा नदी के किनारे मिर्जापुर जिले में स्थित है। यह देवी विंध्यवासिनी का शक्तिपीठ है।…Next
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