पवनपुत्र, रामभक्त, बालब्रह्मचारी, नाजाने और कितने नामों से हनुमान के भक्त उन्हें पुकारते हैं. उनके कृपा से जुड़े चम्त्कारों के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन आज हम आपको पवनपुत्र हनुमान से जुड़े कुछ ऐसे सीक्रेट्स बताने जा रहे हैं जिन्हें शायद आप में से बहुत कम ही लोग जानते होंगे:
सूर्यपुत्र शनि देव का क्रोध और कृपा तो जगजाहिर है. एक बार शनि ने हनुमान को अपने साथ युद्ध करने के लिए ललकारा. हनुमान उनसे युद्ध नहीं करना चाहते थे, उन्होंने शनि को अपनी पूछ से बांधकर ब्रह्मांड के चक्कर लगवा दिए. शनि की पूरी देह से खून बहने लगा और वह हनुमान से खुद को छोड़ने का आग्रह करने लगे. हनुमान ने उन्हें एक शर्त पर छोड़ा कि वो उनके भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे.
शनि के बाद अगर किसी ग्रह से लोग भयभीत होते हैं तो वो है राहु-केतु, लेकिन ये दोनों ग्रह हनुमान से डरते हैं और कभी उनके आदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते इसलिए हनुमान के भक्तों को इनसे भयभीत होने की जरूरत नहीं है.
भगवान हनुमान की पूजा करना अर्थात नौ ग्रहों को प्रसन्न करने जैसा है.
हनुमान को प्रसन्न करने करने के लिए: हनुमान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते. राम का नाम लेने से, हनुमान चालीसा का पाठ करने से और पवनपुत्र को फल या बेसन से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाने से वह प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं.
चन्द्र ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार से छुटाकारा पाने और आने वाली तकलीफों से मुक्त होने के लिए हनुमान के भक्त उनकी अर्चना करते हैं.
हनुमान चालीसा में यह बात लिखी गई है कि किसी अन्य देव की पूजा करने से शायद आपको फल मिलने में थोड़ा समय लग जाए लेकिन हनुमान की अरराधना तुरंत फल देती है.
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