भारत में 5 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण के आने वाले जन्म दिन के मौके पर आज जानिए उनके द्वारा बसाए गए नगरों के बारे में. प्रभु श्रीकृष्ण ने अपने मानव जीवन मेंं तीन नगर बसाए थे. आइए जानते हैं.
द्वारका- भारत के पश्चिम में समुद्र के किनारे पर बसी है. आज से हजारों वर्ष पूर्व भगवान कॄष्ण ने इसे बसाया था. कृष्ण मथुरा में उत्पन्न हुए, गोकुल में पले, पर राज उन्होंने द्वारका में ही किया. यहीं बैठकर उन्होंने सारे देश की बागडोर अपने हाथ में संभाली. द्वारका उस जमाने में देश की राजधानी बन गई थीं. बड़े-बड़े राजा यहां आते थे और बहुत-से मामले में भगवान कृष्ण की सलाह लेते थे. इस जगह का धार्मिक महत्व तो है ही, रहस्य भी कम नहीं है. कहा जाता है कि कृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई. आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं.
Read:क्यों चुना गया कुरुक्षेत्र की भूमि को महाभारत युद्ध के लिए
इंद्रप्रस्थ- प्राचीन भारत के राज्यों में से एक थाइंद्रप्रस्थ. महान भारतीय महाकाव्य महाभारत के अनुसार यह पांडवों की राजधानी थी. यह शहर यमुना नदी के किनारे स्थित था. वर्तमान में यह स्थान राजधानी दिल्ली में स्थित है. महाभारत काल में इसे पांडव पुत्रों के लिए बनवाया गया था. द्वारका की तरह ही इस नगर का निर्माण भी मय दानव और भगवान विश्वकर्मा से ही संभव हो पाया था. पांडवों ने श्रीकृष्ण के साथ मय दानव की सहायता से उस शहर का सौन्दर्यीकरण किया. जिसके बाद यह नगर द्वितीय स्वर्ग के समान हो गया.
बैकुंठ- बैकुंठ धाम को भगवान श्रीकृष्ण का धाम कहा जाता है. इस धार्मिक स्थान को कई नाम से जाना जाता है जैसे साकेत, गोलोक, परमधाम, ब्रह्मपुर आदि. बैकुंठ कहां है इस विषय में संशय है क्योंकि इस विषय पर लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोग बद्रीनाथ धाम तो कुछ पुष्कर और कुछ लोग जगन्नाथ धाम को बैकुंठ कहते हैं.
हालांकि कुछ इतिहासकारों के मुताबिक अरावली की पहाड़ी श्रृंखला पर बैकुंठ धाम बसाया गया था, जहां इंसान नहीं सिर्फ साधक ही रहते थे. कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने अरावली की पहाड़ी पर कहीं छोटा-सा नगर बसाया था. भू-शास्त्र के अनुसार भारत का सबसे प्राचीन पर्वत अरावली का पर्वत है. मान्यता है कि यहीं पर श्रीकृष्ण ने बैकुंठ नगरी बसाई थी.Next…
Read more:
Read Comments