कृष्ण की लीलाओं से उनके भक्त भली-भाँति परिचित हैं. गोपियों के बीच रसिया की छवि वाले कृष्ण विष्णु के अवतारों में से एक और उनकी प्रेयसी राधा धन की देवी मानी जाने वाली लक्ष्मी की अवतार थी. कुरूक्षेत्र में कौरव-पांडव युद्ध के बारे में तो उनके भक्त बहुत कुछ जानते हैं लेकिन उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातों का इस पुराण में उल्लेख किया गया है.
1. देवी पुराण के अनुसार कृष्ण विष्णु के नहीं बल्कि माँ काली के अवतार थे. कृष्ण की प्रेयसी राधा लक्ष्मी स्वरूपा न होकर शंकर का अवतार थी.
2. देवी पुराण के अनुसार महादेव ने वृषभानु पुत्री राधा के रूप में जन्म लिया. साथ ही श्रीकृष्ण की आठ पटरानियाँ रुक्मिणी, सत्यभामा आदि भी महादेव का ही अंश रही है. पार्वती की जया-विजया नामक सखियाँ श्रीदाम और वसुदाम नामक गोप के रूप अवतरित हुई.
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3. देवी पुराण के अनुसार विष्णु ने बलराम तथा अर्जुन के रूप में अवतार लिया. पांडवों के वनवास के दौरान कामाख्या शक्तिपीठ पहुँचने और उसके पश्चात उनके तप से प्रसन्न होने पर माता प्रकट हुई. उन्होंने पांडवों से कृष्ण के रूप में प्रकट होकर कौरवों के विनाश में उनकी सहायता करने का वचन दिया.
4. कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध के समय पांडवों ने सबसे पहले माँ भगवती का पूजन किया जिससे प्रसन्न होकर माता ने उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया था. देवी पुराण के अनुसार कृष्ण ने माँ काली के रूप में ही कंस का वध किया.
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5. कुरूक्षेत्र में युद्ध के बाद कृष्ण के रूप में अवतरित माँ काली ने पुन: अपने धाम जाने का विचार किया. तब कृष्ण समुद्र के किनारे पहुँचे. उसी समय नंदी उनके लिये रत्नजड़ित रथ लेकर आ गये.
6. कृष्ण को समुद्र किनारे देख देवताओं ने उन पर पुष्पों की वर्षा की. तत्पश्चात कृष्ण ने काली का रूप धर लिया और सिंहों द्वारा खींचे जाने वाले उस रथ पर सवार हो कैलाश की ओर चले गये.Next…..
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