कहते हैं दुनिया विश्वास पर टिकी हुई है. हम में से सभी को किसी न किसी बात पर विश्वास होता है. किसी के लिए धार्मिक मान्यताएं अहम है, तो किसी के लिए रिश्तों पर अटूट विश्वास ही बेहतर कल की उम्मीद है. श्रद्धा और विश्वास की ऐसी कहानी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मिलती है. ऐसी ही दिलचस्प मान्यता है बर्मा के मार में करीब 25 फीट ऊंचाई का एक ऐसा भारी-भरकम पत्थर जो एक दूसरे पत्थर के तीखे ढ़ाल पर अटका हुआ है.
17 लाख वर्ष पुरानी है पाकिस्तान के इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति!
स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं और इसकी पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड़ती है. इसे गोल्डन रॉक या क्यैकटियो पगोडा भी कहते हैं. यह बर्मा के बौद्ध धर्म का अनुसरण करने वाले लोगों का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है.
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ऐसा कहा जाता है कि रात में यह पत्थर किसी दिव्य मणि की तरह चमकता है. और चमकते पत्थर को देखने भर से लोगों की सोई किस्मत जाग जाती है. एक परंपरागत कहानी के अनुसार गौतम बुद्ध के बालों की वजह से यह पत्थर यहां कई हजार सालों से खड़ा है.
इस चमकते पत्थर से जुड़ी सबसे खास बात ये है कि जिस छोटे आकार के पत्थर पर यह टिका है उससे यह अलग मालूम पडता है और ऐसा लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है. लेकिन यह सालों से अपनी जगह पर कायम है. नवंबर से मार्च के बीच यहां हजारों की संख्या में लोग पूजा करने आते हैं.
स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर साल में तीन बार इस पवित्र स्थल पर आया जाए तो उनके धन और शोहरत में बेहताशा इजाफा होता है. वहीं दूसरी तरफ अक्सर लोगों में इस पत्थर को गिरने की दहशत भी बनी रहती है. लेकिन फिर भी साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है...next
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