महिलाओं का सम्मान एक ऐसा मुद्दा जिसके बारे में सदियों से ही चर्चा होती आ रही है. द्रौपदी के अपमान का परिणाम ही महाभारत को माना जाता है. कई पुराणो में महिलाओं से संबंधित ऐसी बातें कही गई हैं, जिससे उनके व्यवहार और कर्तव्यों के बारे में जानकारी मिलती है. महाभारत में भी महिलाओं के संबंध में कुछ विशेष बातें कही गई हैं. ये बातें खुद भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताई थीं.
नहीं करना चाहिए स्त्रियों का अनादर
महाभारत युद्ध के दौरान जब भीष्म पितामह तीरों की शैय्या पर लेटे हुए थे, उस दौरान उन्होंने युधिष्ठिर से महिलाओं के बारे में कहा था, जिस भी घर में महिला का सम्मान नहीं होता, वहां कभी भी सफलता नहीं आ सकती है. महिला को खुश रखने से वो लक्ष्मी के रुप में वास करती है और घर में सुख का वास होता है.
स्त्रियां दे देती हैं श्राप
भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को एक और महत्वपूर्ण बात बताई थी, जिसके अनुसार अगर स्त्री ने नाराज होकर किसी घर को श्राप दे दिया तो उसका विनाश लगभग तय है. उनकी शोभा, समृद्धि और संपत्ति का नाश हो जाता है. यदि पुरुष स्त्रियों का सम्मान करेंगे तो उनके सभी कार्य सफल हो जाएंगे.
स्त्रियोंं के आदर करने वाले घरों में देवता निवास करते हैं
महाभारत में लिखे कथन के अनुसार भीष्म पितामह ने कहा था कि हमेशा स्त्री की मनोकामना का ध्यान रखना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो वह पुरुष को प्रसन्न नहीं कर सकती. जहां स्त्रियों का आदर होता है, वहां देवता प्रसन्न होकर निवास करते हैं…Next
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