बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जिन्होंने वास्तव में महाभारत पढ़ी है लेकिन हम सब समय के साथ महाभारत के पात्रों से परचित हो जाते हैं. टीवी पर दिखाए जाने वाले महाभारत से जुड़े धार्मिक कार्यक्रमों और इस महान ग्रंथ से जुड़ी उन छोटी-छोटी कहानियों को धन्यवाद जो हम यहां वहां पढ़ते हैं या अपने बड़े-बुजुर्गों से सुनते आते हैं. यह लेख महाभारत से जुड़े सभी प्रमुख पात्रों की उत्पत्ति के बारे में हैं.
महाभारत के आदिपर्व के अनुसार महाभारत के सभी प्रमुख पात्र देवता, गंधर्व, यक्ष, रुद्र, वसु, अप्सरा, राक्षस तथा ऋषियों के अंशावतार थे. भगवान नारायण की आज्ञानुसार इन्होंने धरती पर मनुष्य रूप में अवतार लिया था. यह सूची इस प्रकार है-
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आठ वसु– शांतनु के द्वारा गंगा से उत्पन्न हुए. यह वसिष्ठ ऋषि के शाप व इंद्र की आज्ञा अनुसार हुआ. आठ वसुओं में भीष्म सबसे छोटे थे.
श्रीकृष्ण– भगवान विष्णु के अंशावतार.
बलराम– शेषनाग के अंशावतार
द्रोणाचार्य- देवगुरू के अंश से पैदा हुए.
अश्वत्थामा- वे महादेव, यम, काल और क्रोध के सम्मिलित अंश से उत्पन्न हुए थे.
कृपाचार्य- रुद्र के एक गण ने कृपाचार्य के रुप में अवतार लिया था.
धृतराष्ट्र और पाण्डु- अरिष्टा का पुत्र हंस नामक गंधर्व के अंशावतार
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विदुर- सूर्य
कुंती- सिद्धि
माद्री- धृतिका
गांधारी- मति
कर्ण- सूर्य का अंशावतार
युधिष्ठिर- धर्म
भीम- वायु
अर्जुन- इंद्र
नकुल व सहदेव- अश्विनी कुमारों के अंशावतार
रुक्मिणी- लक्ष्मीजी
द्रोपदी- इंद्राणी
दुर्योधन- कलयुग
कौरव- पुलस्त्यवंश के राक्षसों के अंश
सात्यकि, द्रुपद, कृतवर्मा व विराट- मरुदगण के अंश
अभिमन्य- चंद्रमा के पुत्र वर्चा का अंश
धृष्टधुम्न- अग्नी
शिखण्डी- राक्षस-
प्रतिविन्ध्य, सुतसोम, श्रुतकीर्ति, शतानीक और श्रुतसेव (द्रोपदी के पांचों पुत्र)- विश्वदेवगण के अंश
जरासंध- दानवराज विप्रचित्ति
शिशुपाल- हिरण्यकशिपु
कंस- कालनेमि दैत्य …Next
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