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महाभारत: जब आप बोले तो रखें इन चार बातों का ध्यान

इंसान की सफलता और असफलता उसकी वाणी पर निर्भर करता है. अपनी वाणी से इंसान किसी का भी मन मोह लेता है, तो किसी को अपनी वाणी के कारण मुहं की खानी पड़ती है. महाभारत में यह बताया गया है कि इंसान को किस तरह से बात करनी चाहिए. कैसे कोई अपनी बातों से लोगों के मन को मोह सकता है. बोलते समय महाभारत के इन चार बातों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए.



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वाणी की पहली विशेषता- आप कभी भी झूठ न बोलें. महाभारत में इसे पाप कहा गया है. मान्यता है कि महाभारत में जब युद्ध के दौरान युधिष्ठिर ने द्रोणाचार्य से झूठ बोला था तब उनका रथ धरती पर आ गया था. अत: मनुष्य को कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए. इस बुराई से इंसान के सभी रिश्ते टूट जाते हैं.



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वाणी की दूसरी विशेषता- ज्यादा बोलने से कोई ज्यादा जानकार नहीं होता है. अत: इंसान को व्यर्थ बोलने की अपेक्षा चुप रहना ज्यादा बेहतर है. कई बार ज्यादा बोलने वाले लोगों को कोई नहीं सुनना चाहता है. उन्हें लोग पसंद भी नहीं करते हैं. इसलिए फालतू बाते करने से बेहतर है काम की बाते करें.




वाणी की तीसरी विशेषता- वाणी की चौथी विशेषता है कि हमें धर्म सम्मत यानी धर्म के अनुसार ही बात करनी चाहिए. अधर्म की बात से मनुष्य का नाश होता है. जो इंसान धर्म का ज्ञान दूसरों को देते हैं, वे समाज में श्रेष्ठ स्थान पाते हैं. इस प्रकार हमें झूठ बोलने से बचना चाहिए, व्यर्थ की बात नहीं करनी चाहिए, हमेशा प्रिय बोलना चाहिए और धर्म सम्मत बात करनी चाहिए.


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वाणी की चौथी विशेषता- वाणी की तीसरी विशेषता यह है कि इंसान को हमेशा प्रिय बोलना चाहिए. इससे आपके कम दुश्मन होंगे. दूसरों ठेस पहुंचाने वाली भाषा या शब्द का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए.Next…


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