Menu
blogid : 19157 postid : 1384880

ये हैं भगवान शिव के 12 ज्‍योतिर्लिंग, यहां करें दर्शन

देश भर में शिवरात्रि पर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्‍तों का तांता लगा है। भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाकर श्रद्धालु उन्‍हें प्रसन्‍न करने में जुटे हैं, ताकि बाबा भोले की कृपा उन पर बनी रही। ज्‍योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए रात से ही शिवभक्‍त लाइन में लगे हैं। हर ज्‍योतिर्लिंग के बाहर श्रद्धालुओं की कतार लगी है। पुराणों के अनुसार जहां-जहां ज्‍योतिर्लिंग हैं, उन 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पूजन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। बाबा भोले की विशेष कृपा बनी रहती है। आइये महाशिवरात्रि के मौके पर आपको द्वादश ज्‍योतिर्लिंग के दर्शन कराते हैं।


shiva tample


ज्‍योतिर्लिंग


somnath


सोमनाथ मंदिर गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र किनारे स्थित है। चंद्रमा ने भगवान शिव को आराध्य मानकर पूजा की थी और चंद्रमा को सोम भी है, इसलिए इसी नाम पर इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा।


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग


mallikarjun


मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सात्विक मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दैहिक, दैविक व भौतिक पाप नष्ट हो जाते हैं।


ज्‍योतिर्लिंग


mahakaleshwar


मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। देशभर में यह तीर्थ स्थान बाबा महाकाल के नाम से प्रसिद्ध है।


ओमकारेश्वर ज्‍योतिर्लिंग


omkareshwar


ओमकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से पुरुषार्थ चतुष्ट्य की प्राप्ति होती है।


ज्‍योतिर्लिंग


kedarnath


केदारनाथ धाम उत्‍तराखंड में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर स्थित है। यहीं श्री नर और नारायण की तपस्थली है। कहा जाता है कि उन्हीं की प्रार्थना पर शिव ने यहां अपना वास स्वीकार किया था।


भीमाशंकर ज्‍योतिर्लिंग


bheemashankar


भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां स्थित शिवलिंग काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है।


ज्‍योतिर्लिंग


Kashi Vishwanath Jyotirlinga


स्थित है। ऐसी मान्‍यता है कि हिमालय छोड़कर भगवान शिव ने यहीं अपना स्थाई निवास बनाया था। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि प्रलय काल का इस नगरी पर कोई असर नहीं पड़ता।


ज्‍योतिर्लिंग


trimkeshwar


त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक से 30 किमी पश्चिम में स्थित है। गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह मंदिर काले पत्थरों से बना है। माना जाता है कि ऋषि गौतम और पवित्र नदी गोदावरी की प्रार्थना पर ही भगवान शिव ने इस स्थान पर अपने वास की स्वीकृति दी थी।


नागेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग


Naageshwar Jyotirling


नागेश्‍वर मंदिर गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर स्थित है। कहते हैं कि भगवान शिव की इच्छा अनुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया है।


ज्‍योतिर्लिंग


Baidyanath Jyotirlinga


बाबा बैजनाथ (वैद्यनाथ) मंदिर झारखंड के देवघर जिले में स्थित है। कहा जाता है कि एक बार रावण ने तप के बल से शिव को लंका ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में व्यवधान आ जाने से शर्त के अनुसार शिव जी यहीं स्थापित हो गए।


रामेश्‍वरम ज्‍योतिर्लिंग


rameshwaram shivling


रामेश्‍वरम मंदिर तमिलनाडु राज्‍य में स्थित है। ऐसी मान्‍यता है कि रावण की लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, वही रामेश्वर के नाम से विश्व विख्यात हुआ।


घृष्‍णेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग


Grishneshwar1


शिव का 12वां ज्‍योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर के नाम से प्रसिद्ध है। इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर स्थित है…Next


Read More:

राम मंदिर के लिए निकलेगी रामराज्य रथ यात्रा, 6 राज्यों में जाएगा इतना लंबा रथ
बॉलीवुड के 5 सितारे, जिन्‍होंने फैंस को सरेआम जड़ा थप्‍पड़!
मेघालय में इटली, अर्जेन्टीना और स्वीडन चुनेंगे विधायक! जानें क्‍यों होगा ऐसा


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh