हिंदू कैलेंडर में मार्गशीर्ष मास बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस महीने में कई ऐसे व्रत, पर्व और योग बनते हैं जो जीवन के दुख दूर करने के साथ ही मोक्ष प्राप्त करने में सहायक बनते हैं। इस माह की 13वीं तिथि को प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों के लिए विशेष योग बन रहे हैं जो उनके कष्टों को दूर कर देंगे। इस योग का फल पाने वाले जोड़ों के परिजनों से बनी कटुता दूर हो जाएगी और प्रेम विवाह के दोष मिट जाएंगे।
पहले दिन से ही व्रत और पर्व शुरू
मार्गशीर्ष माह की पहली तिथि से ही पर्व और त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। अभी इस माह का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है। दिसंबर की 2 तारीख को मार्गशीर्ष माह की षष्ठी तिथि होगी। यह तिथि भगवान कार्तिकेय के लिए समर्पित है। इसी तरह 5 दिसंबर को कल्पादि नवमी और महानंदा नवमी पड़ रही है। इस तिथि में माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। 8 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का योग है। इस तिथि में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।
भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा का विधान
दिसंबर की 9 तारीख को तीन विशेष योग बन रहे हैं। इस तिथि को अखंड द्वादशी, सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी व्रत के योग हैं। अनंग त्रयोदशी योग प्रेमविवाह जोड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा और व्रत रखने का विधान बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के प्रेम में डूबी माता पार्वती प्रेम विवाह पर अड़ गईं। उनकी घोर तपस्या तीनों लोक डगमगाने लगे तो भोलेनाथ विवाह के लिए मान गए। ऐसी मान्यता है कि प्रेम विवाह के दौरान और बाद में आने वाली मुश्किलों से बचने के लिए अनंग त्रयोदशी के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने के साथ व्रत रखना चाहिए।
कामदेव और रति की पूजा से
मान्यताओं के अनुसार कैलाश पर रहने वाले भोलेनाथ सांसारिक मोह माया से दूर थे। तपस्वी होने के चलते वह विवाह से दूर रहना चाहते थे। इसलिए उन्होंने देवी पार्वती के प्रेम निवेदन को ठुकरा दिया और पार्वती को उनके साथ विवाह के बाद होने वाली दुश्वारियों का ज्ञान कराया। इस पर क्रोधित पार्वती तप करने लगीं। भोलेनाथ को माता पार्वती से विवाह करने के लिए मनाने में कामदेव और उनकी पत्नी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए अनंग त्रयोदशी के दिन कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा का भी विधान बताया गया है। मान्यता है कि जिस तरह भोलेनाथ और माता पार्वती के दांपत्य जीवन में कामदेव और रति सुख लाए थे उसी तरह प्रेमविवाह करने वालों के जीवन में सुख आता है।…Next
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