हिंदू मान्यताओं के अनुसार जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले हर कर्मकांड के लिए समय निश्चित होता है। जीवन के महत्वपूर्ण और शुभकारी फल देने वाले आयोजनों में वैवाहिक समारोह को उच्च स्थान हासिल है। दो परिवारों और इसीलिए विवाह बंधन के लिए शुभ मुहूर्त और तिथियों का शास्त्रों में उल्लेख किया गया है। गृह और नक्षत्रों की गणना के उपरांत विवाह के लिए शुभ तिथियों की घोषणा की जाती है। फरवरी में जहां अब विवाह के लिए 3 तिथियां ही शेष हैं तो मार्च में कई तिथियां शुभ हैं।
14 जनवरी को खत्म हो चुका है खरमास
विवाह जैसे पवित्र कार्य के लिए उचित समय और तिथि का होना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसीलिए सूर्यदेव के उत्तरायण में रहने के दौरान पड़ने वाली शुभ तिथियों में वैवाहिक समारोह किए जाते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार 2020 के जनवरी माह की 14 तारीख को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माह खरमास खत्म हो गया। खरमास के दिनों में सभी देवगण और भगवान विश्राम कर रहे होते हैं। इसलिए इन दिनों को शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं माना गया है।
फरवरी में 13 में से 3 तिथियां शेष
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार देवताओं के लिए 6 महीने का एक दिन और 6 महीने की एक रात होती है। यानी देवता 6 महीने विश्राम करते हैं और 6 महीने जगते हैं। विश्राम की अवस्था को दक्षिणायन और जगने की अवस्था को उत्तरायण कहा जाता है। 14 जनवरी को खरमास खत्म होने के बाद से विवाह के लिए तिथियां तय कर दी गई हैं। जनवरी में विवाह के लिए जहां केवल 8 तिथियां थीं तो फरवरी में कुल 13 तिथियां शुभ थीं।
इन तिथियों में करें विवाह
विवाह हर युगल के लिए अति उत्साह वाला और जीवन को नई दिशा प्रदान करने वाला होता है। इसलिए वैवाहिक कार्यक्रम शुभ मुहुर्त में ही पूरा करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। हिंदू कैलेंडर द्रिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष विवाह के लिए फरवरी में अब भी 3 तिथियां शेष हैं। इनमें 25, 26 और 27 तिथि विवाह के लिए बेहद शुभ है।
मार्च में सबसे कम तिथियां पर अति शुभ नक्षत्र
जनवरी में 8 और फरवरी में 13 तिथियां विवाह के लिए अति शुभ रहीं। वहीं, मार्च माह में इन तिथियों में कमी आई है। द्रिक पंचांग के मुताबिक मार्च में कुल 6 तिथियां ही विवाह के लिए शुभ हैं। ये सभी तिथियां पहले पखवारे में ही हैं। मार्च की 2, 3, 4, 8, 11 और 12 तिथि विवाह के लिए शुभ हैं। 2 और 3 तारीख अतिशुभ रोहिणी नक्षत्र में हैं जबकि 4 तारीख मृगशिरा, 8 मघा, 11 हस्त और 12वीं तिथि अतिशुभ स्वाती नक्षत्र में पड़ रही हैं। मान्यताओं के अनुसार इन तिथियों में विवाह करने वाले युगल का दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।…Next
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