Menu
blogid : 19157 postid : 1119407

प्राचीन समय के शस्त्र हैं आज के हथियार, महाभारत काल से पूर्व हो चुका था इनका निर्माण

आधुनिक युग में हर क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है. कहीं न कहीं आज का मानव खुद को अपने पूर्वजों से श्रेष्ठ समझता है. उसे लगता है कि आज के अविष्कार कल के मानवों की सोच से परे थे. लेकिन वास्तव में आज के आधुनिक उपकरण, प्राचीन समय में निर्मित उपकरणों के संशोधित रूप है. उन्हें वर्षों पहले हमारे पूर्वजों ने निर्मित कर दिया था. आइए हम आपको बताते हैं प्राचीन समय में मौजूद हथियार और उपकरण जिनसे प्रेरित होकर आधुनिक युग के मानव ने संशोधन करके नवीन औजार बनाए.


weapons


मंत्र

प्राचीन: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिन्दू पौराणिक मान्यताओं और वेदों में मंत्रों को कितना महत्व दिया गया है. मंत्रों का प्रयोग करके ही किसी भी भगवान को प्रसन्न करने के साथ किसी अपराधी मनुष्य को श्राप दिया जाता था.

आधुनिक: आधुनिक समय में मंत्रों से प्रेरित होकर आवाज से चलने वाले यंत्रों को बनाया गया है. जिसका उपयोग हम अपने मन की भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने के लिए करते हैं.


mantra



शिव के तीन बाण

प्राचीन: महाभारत के अनुसार भगवान शिव ने घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को यह हथियार दिया था. उस समय में इस हथियार का वार कभी भी खाली नहीं जाता था.

आधुनिक: इस समय तारपीडो के प्रयोग से किसी भी शत्रु को परास्त किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए निपुण होना बहुत जरूरी है.

इस मंदिर में की जाती है महाभारत के खलनायक समझे जाने वाले दुर्योधन की पूजा


पाशुपतास्त्र

प्राचीन: इस हथियार को शिव के समान माना जाता है जिसे पूरे संसार को नाश करने के रूप में जाना जाता था.

आधुनिक: इस हथियार का संशोधित रूप हाइड्रोजन बम  है. जिसके इस्तेमाल से पूरी दुनिया खत्म हो सकती है.



इन्द्रास्त्र

प्राचीन: देवराज इन्द्र का यह अस्त्र एक साथ कई लोगों को मौत की नींद सुला सकता था. साथ ही इससे शत्रुओं पर बाणों की बारिश भी होती थी.

आधुनिक: आज के समय में मशीनगन इसका संशोधित रूप है.


indra



त्वाश्तर अस्त्र

प्राचीन: इस औजार से हवा में ऐसे अदृश्य तत्वों का स्राव होता था जिससे शत्रु स्वंय भ्रमित होकर कोई न कोई भूल कर बैठता था और खुद को नुकसान पहुंचा लेता था.

आधुनिक: वातावरण में ऐसी गैसों का उत्सर्जन, जो मानव के विभिन्न क्रियाकलापों से उत्पन्न होकर पूरी पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रही है.


जानिए महाभारत में कौन था कर्ण से भी बड़ा दानवीर


सुदर्शन चक्र

प्राचीन: भगवान विष्णु और कृष्ण के पास सुदर्शन चक्र था. जिसका प्रयोग उनके निर्देशानुसार किया जाता था. इससे भी किसी व्यक्ति का विनाश किया जा सकता था.

आधुनिक: मिसाइलों को सुदर्शन चक्र का संशोधित रूप माना जा सकता है.


krishna

पुष्पक रथ/विमान

प्राचीन: ऐसा माना जाता है कि इसी रथ में रावण देवी सीता का हरण करके ले गया था.

आधुनिक: निजी हवाई जहाज, हैलीकॉप्टर. ज़िसमें बैठकर आसानी से किसी भी देश की यात्रा की जा सकती है…Next


Read more :

दरवाजे पर सिंदूर लगाने से दूर होते हैं ये वास्तुदोष

ऐसा क्या हुआ था कि विष्णु को अपना नेत्र ही भगवान शिव को अर्पित करना पड़ा? पढ़िए पुराणों का एक रहस्यमय आख्यान

रामायण के जामवंत और महाभारत के कृष्ण के बीच क्यों हुआ युद्ध


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh