महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ आदि नामों से प्रचलित भगवान शिव हिन्दू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं में प्रमुख देवता माने जाते हैं. वेदों में इनका नाम रूद्र कहा गया है. आज शिवजी को नमन करते हुए एक ऐसे शिवलिंग की बात करते हैं जिसका अस्तित्व आज से लगभग 5000 हजार साल पुराना है. अत्याधिक पुराना शिवलिंग के कारण यहाँ महादेव का धार्मिक स्थल बन गया है.
एम.एस. वाट्स पुरातत्वविद् द्वारा जांच के बाद इस शिवलिंग को लगभग 5000 पुराना बताया गया है. इसके अलावा और भी कई चीज़े खुदाई में मिली थी.
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यह मंदिर गुजरात के नर्मदा जिला, देडियापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित है. इस मंदिर को जलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर तक भक्तों को पहुँचने के लिए मोसाद शहर से लगभग 14 किमी की दूरी तय करना पड़ती है. महादेव का यह मंदिर पूर्वा नदी के तट पर है. यह नदी पूर्व दिशा की ओर बहती है, इसीलिए इसे पूर्वा नदी के नाम से जाना जाता है.
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मंदिर में हर सोमवार को शिवलिंग के दर्शन हेतु भक्तों का ताता लगा रहता है. जलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. इस मंदिर में आए भक्तों का मानना है कि यहाँ महादेव का वास रहता है. बाबा के दर्शन मात्र से ही मन शांत व प्रसन्नचित्त हो जाता है. जलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी का कहना कि इस मंदिर को आज भी बहुत कम लोग ही जानते हैं. यहाँ बाहर से कम लोग ही शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं.Next…
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