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भगवान भैरव की पूजा बिना अधूरी है, शक्ति की देवी दुर्गा की अराधना

कहा जाता है काल भैरव शिव का रूप हैं और इनकी पूजा करने से आपको भय नहीं सताता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो काल भैरव आपकी रक्षा करते हैं। ऐस में नवरात्रि में जो लोग विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए देवी दुर्गा की आराधना, पूजा करते हैं उनके लिए भगवान भैरव की पूजा करना भी आवश्यक है। बिना भैरव की पूजा के दुर्गा की आराधना अधूरी रहती है। तंत्र-मंत्र की सिद्धियों से जुड़े लोगों को विशेषकर नवरात्रि में भैरव की पूजा अवश्य करना चाहिए। जिस तरह देवी दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं उसी तरह भगवान भैरव भी समस्त प्रकार की सिद्धियों के दाता हैं।

Shilpi Singh
Shilpi Singh13 Oct, 2018

 

 

कुल 64 भैरव

अनेक तांत्रिक और देवी ग्रंथों में भैरवनाथ का वर्णन मिलता है। शिवमहापुराण के अनुसार भगवान शिव के क्रोध से भैरवनाथ की उत्पत्ति हुई थी और इन्हें शिव गण के रूप में स्थान प्राप्त है। ग्रंथों में अष्ट भैरवों का जिक्र मिलता है। ये आठ भैरव आठों दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य) का प्रतिनिधित्व करते हैं और आठों भैरवों के नीचे आठ-आठ भैरव होते हैं। यानी कुल 64 भैरव माने गए हैं।

 

 

गृहस्थ लोग भैरव की पूजा नहीं करते

आमतौर पर गृहस्थ लोग भैरव की पूजा नहीं करते, ना ही इन्हें घर में स्थापित करते हैं। ये प्रमुख रूप से तंत्र के देवता माने गए हैं। लेकिन बटुक भैरव और बाल भैरव की पूजा गृहस्थ लोग कर सकते हैं। ये भैरव नाथ के सौम्य रूप हैं। इनमें बाल भैरव छह-सात वर्ष के बालक के रूप में हैं और बटुक भैरव 15-16 साल के किशोर के रूप में है।

 

 

भैरव का नाम लेने से ही मिल जाती है सिद्धियां

भगवान भैरवनाथ की स्थापना-पूजा गृहस्थ लोग नहीं करते हैं, लेकिन उनके मंदिर में जाकर तो उनका नाम लिया ही जा सकता है। उनके स्तोत्र का पाठ किया जा सकता है। यदि आप रोग मुक्त होना चाहते हैं या आपको लगता है कि आप पर किसी ने तंत्र प्रयोग किया है या आपको बुरी नजर लग गई है तो भैरव का नाम अवश्य लें। भैरव मंदिर में नियमित रूप से जाएं और उनका नाम जपने से बड़े से बड़े रोगों से मुक्ति मिल जाती है।

 

 

इन तरीकों से आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं

1. काल भैरव अष्टमी के दिन रात के बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उनको नीले रंग के फूल चढाएं।

2. अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना को पूरा करना चाहते है तो इसके लिए आज के दिन किसी पुराने काल भैरव के मंदिर में जाकर वहां की साफ़ सफाई करे और काल भैरव को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं।

3. शनिवार के दिन रात में बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही और गुड़ का भोग लगाए।

4. आज के दिन अपने घर में काल भैरव यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करे।…Next

 

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