हिंदू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन माह मौसम में बदलाव के साथ जीवन में आनंद का संचार करने वाला बताया गया है। इस माह में कई ऐसे पर्व और तिथियों का आगमन होता है जो देह त्याग चुके पितरों को मोक्ष दिलाने, जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति पाने और कामयाबी का रास्ता दिखाते हैं। इन्हीं पर्व और तिथियों में एक यानी फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त आज है।
3 विशेष योग और महत्व
फरवरी की 23 तारीख बेहद शुभ बताई गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। पहला इस दिन अमावस्या, दर्श अमावस्या और अन्वाधान का योग है। शास्त्रों के अनुसार इस संयोग में पूजा अर्चना के बाद मांगी गई कामना कभी खाली नहीं जाती है। मान्यताओं के अनुसार यह दिन विशेष रूप से जीवन के कष्टों को दूर करने का मुख्य स्रोत भी बताया गया है।
फाल्गुन अमावस्या और अकाल मृत्यु
हिंदू पंचांग के तहत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसके बारे में शास्त्रों में विस्तार से वर्णन मिलता है। मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पितरों को तर्पण करने और मोक्ष दिलाने का सबसे उपयुक्त माध्यम है। इस दिन अकाल मृत्यु का शिकार हुए लोगों को मुक्ति हासिल होती है।
संगम स्नान और मोक्ष
गरुण पुराण के अनुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इसीलिए इस दिन पूरे देश के धार्मिक तीर्थों और नदियों पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। इस दिन संगम में स्नान करने की विशेष परंपरा भी है। मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु की तिथि नहीं पता हो उसे मोक्ष दिलाने के लिए फाल्गुन अमावस्या के दिन नदी स्नान कर श्राद्ध प्रकिया का पालन करना होता है।
दर्श अमावस्या और अन्वाधान योग
फाल्गुन अमावस्या के अलावा 23 फरवरी को दर्श अमावस्या और अन्वाधान के योग भी हैं। फाल्गुन अमावस्या का योग पूरे दिन रहने के बाद रात 9 बजे के करीब खत्म हो जाएगा और इसके बाद दर्श अमावस्या का मुहूर्त शुरू होगा। परंपरा के अनुसार दर्श अमावस्या को चंद्र दर्शन किए जाते हैं। इस विधि से पितरों को किए गए तर्पण का फल मिल जाता है। वहीं, इस दौरान अन्वाधान योग भी रहेगा। इस योग में यज्ञ करने का विधान है। मान्यता है कि यज्ञ से किसी भी तरह के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।…Next
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