वास्तु-शास्त्र का भारत में बहुत महत्तव है. यहाँ लोग अपना घर बनाने से लेकर सामानों का रख-रखाव भी वास्तु-शास्त्र के अनुसार करते हैं. इसके अनुसार केवल घर की दिशा ही नहीं बल्कि इसके अंदर और बाहर की वस्तुएँ, पेड़-पौधे आदि भी वास्तु को प्रभावित करते हैं. भौतिकता के बढ़ने के बावजूद आज भी अधिकांश लोग वास्तु-नियमों का पालन करते हैं. कई असफलता के डर से तो कई आर्थिक नुकसान से बचने के लिए. धन-सम्पदा और ज्ञान में वृद्धि के लिए जानिए ऐसे ही कुछ नियमों और प्रथाओं के बारे में…..
टपकते नल
फेंगशुई में जल को संपत्ति माना गया है. घर में टपकते नल से अगर पानी आता हो तो बिना देरी किए उसकी मरम्मत करवा दें. ऐसा माना जाता है कि घर में टपकते नल से धन पानी की तरह बह जाता है.
समुद्री जहाज
समुद्री जहाज को व्यवसाय में सफलता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए घर व दफ्तर में जहाज का प्रतीक रखा जा सकता है. लेकिन ऐसा करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि जहाज का प्रतीक घर या दफ्तर में आते हुए दिखे. बाहर की तरफ जाते हुए जहाज का मतलब होता है कि आपको मिलने वाले अवसर बाहर जा रहे है. इससे व्यवसाय में घाटा हो सकता है.
Read: जब ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के शव को कब्र से निकालकर पादरियों ने कूड़े में फेंक
ग्लोब
अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए घर के अंदर उत्तर-पूर्व में ग्लोब रखें. इससे ज्ञान में वृद्धि होती है. वास्तु-शास्त्र के अनुसार इस दिशा का तत्व पृथ्वी को माना जाता है.
उत्तर दिशा को जीवन में प्रगति और सुअवसरों से जोड़ कर देखा जाता है. ऐसे में उत्तर दिशा में सफेद फूलों वाला धातु का फूलदान रखने से जीवन में समृद्धि के योग बनते हैं.
दक्षिण दिशा का तत्व अग्नि को माना जाता है और इससे प्रसिद्धि जुड़ी होती है. लाल रंग अग्नि का प्रतीक है. दक्षिण दिशा में लाल रंग के बॉर्डर में घर के मालिक की तस्वीर मढ़वाकर उसे लगानी चाहिए. इसे प्रतिष्ठा और साख बढ़ाने का उपाय माना जाता है.
तुलसी का पौधा
तुलसी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे को घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाया जाना चाहिए. इससे घर में खुशहाली आती है.
Read: तुलसी दिला सकती है महिलाओं को एक बड़ी बीमारी से निजात
इनसे बचें..
वास्तु-नियमों के अनुसार प्रवेश द्वार के सामने वृक्ष या खंभा होने पर बच्चों को कष्ट होता है. इससे बच्चों का विकास असंतुलित होता है और उनके रोजगार में भी बाधाएँ आती है. प्रवेश द्वार के सामने गड्ढ़े को मानसिक रोगों और परेशानियों का कारण समझा जाता है. घर के सामने या बीच में कोई भी पौधा न लगाए. इससे घर के सदस्यों पर नकारात्मक असर पड़ता है. Next……
Read more:
Read Comments