हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत को जीवन को सुखमय बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भोलेनाथ अपने भक्तों को आशर्वीद देने के लिए जागते रहते हैं। यूं तो प्रदोष हर महीने की त्रयोदशी तिथि को होता है, लेकिन साल का पहला प्रदोष व्रत बेहद लाभकारी है। जानिए प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ से कैसे पाएं आशीर्वाद।
पौष मास की त्रयोदशी का विशेष महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार जनवरी की 8 तारीख को प्रदोष व्रत मुहुर्त शुरु होगा। पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान तीन आशीर्वाद देने के लिए अपने नेत्र खोलकर भक्तों की आराधना का इंतजार करते रहते हैं।
प्रदोष व्रत और पूजा मुहूर्त
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 08 जनवरी को सुबह 04:14 बजे से शुरू होगा। यह मुहूर्त अगले दिन यानी 09 जनवरी को तड़के 03:43 बजे तक रहेगा। वहीं, इस दिन पूजा का मुहूर्त दो घंटे 40 मिनट तक है। पूजा का समय शाम को 05:17 बजे से शाम 07:57 बजे तक रहेगा।
उत्तर दिशा में बैठ पूजा करें और निराहार रहें
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद प्रदोष व्रत का संकल्प लें ओर दिन भर निराहार रहें। ध्यान रहे पूजा घर में उत्तर दिशा या फिर पूर्व दिशा की ओर चेहर करें बैठें और आराधना करें। इस दौरान शिवलिंग को गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद पुष्प, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय: मंत्र का जाप करें। फिर शिव चालीसा का पाठ कर अंत में आरती करें और परिजनों में प्रसाद बाटें।
महादेव से मिलेंगे 3 आशीर्वाद
भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने वाले भक्तों को महादेव आशीर्वाद स्वरूप जीवन भर के लिए तीन लाभ प्रदान करते हैं। पहली आशीर्वाद में वह भक्तों को संकटों के निवारण का वरदान देते हैं। दूसरे आशीर्वाद में वह खुशहाली और सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हैं और तीसरे में महादेव रोड़ा बन रहे आतताइयों से मुक्ति का वरदान देते हैं। इस बार के प्रदोष व्रत पालन से महादेव के अलावा विघ्नहर्ता भगवान गणेश भी प्रसन्न होंगे, क्योंकि बुधवार गणेश जी को अर्पित है।…Next
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