Menu
blogid : 19157 postid : 935709

अंग्रेज़ों के कारण अब तक पुजारी भक्तों के सिर पर फोड़ते हैं यहाँ नारियल

हर वर्ष हजारों भक्त तमिलनाडु के एक सुदूर गाँव की ओर जाते हैं. इस उम्मीद में कि वहाँ एक रस्म की अदायगी से उनके जीवन के सारे दुख और संकट दूर हो जायेंगे. रस्म भी ऐसी जिसका तर्कों से कोई वास्ता समझ से परे है. वैसे तो हर दक्षिण भारतीय मंदिर में पत्थर पर नारियल फोड़े जाने का रिवाज़ है. पर तमिलनाडु के इस सुदूर गाँव में भक्तों का जमावड़ा लगता है. जमावड़े का कारण है कि वहाँ के पुजारी नारियल को पत्थरों पर फोड़ने के बजाय भक्तों के सिरों पर फोड़ते हैं.


rituals (2)


दरअसल यहाँ एक पुरानी मान्यता है कि अपने सिरों पर नारियल फोड़ने से संकटों से मुक्ति मिलने के अलावा खुशियाँ बढ़ती है. इस मान्यता के कारण बच्चे, महिलायें और पुरूष हजारों की संख्या में हर साल यहाँ आते हैं. सिर पर नारियल फोड़ने के दौरान एक पुजारी भक्त का सिर पकड़ता है जबकि दूसरा उसके सिर पर नारियल फोड़ता है. यह माना जाता है कि नारियलों का सिर पर फूटना शुभ लक्षणों की शुरूआत है और इसका सही से नहीं फूटना किसी खोट को दर्शाता है. महज मिनटों में पूरी हो जाने वाली इस मान्यता को मानने वाले ईश्वर के प्रति इसे सच्ची निष्ठा मानते हैं.


Read: मुस्लिम कैसे मनाते हैं रमज़ान उस देश में जहाँ सूरज नहीं डूबता


हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी आकस्मिकता को सँभालने के लिये वहाँ चिकित्सीय दल उपस्थित रहता है. चिकित्सकों का मानना है कि नारियल को सिर पर फोड़ा जाना किसी खतरे से कम नहीं है. कई बार यह खोपड़ी को भारी नुकसान पहुँचा सकता है. चिकित्सक भक्तों को यह चेतावनी भी जारी करते हैं कि नारियल को सिर पर फोड़ने से जान जाने का ख़तरा भी बना रहता है.


rituals (1)



इस मान्यता के पीछे की कहानी यह है कि अंग्रेजों के राज में उस गाँव में एक रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनायी गयी जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे थे. कार्य के दौरान अंग्रेजों को वहाँ नारियल के आकार का एक पत्थर दबा मिला. अंग्रेजों ने ग्रामीणों के सामने शर्त रखी कि, “अगर वो अपने सिरों से इस पत्थर को तोड़ दें तो रेलवे लाइन का रूख बदल दिया जायेगा.”कहा जाता है कि ग्रामीणों ने अपने सिरों से पत्थर को फोड़ने में सफलता पायी जिसके कारण अंग्रेजों को शर्त के अनुसार रेलवे लाइन का मार्ग बदलना पड़ा. उसी की याद में यहाँ हर वर्ष इस रस्म की अदायगी की जाती है. इसके बावजूद भक्तों का मानना है कि ऐसा करने से उनके आराध्य उनकी मनोकामनाओं को पूरा करने के साथ ही उनको सफलता दिलाते रहेंगे.Next…..


Read more:

ऐसे प्रार्थना करने से पूरी हो जाएगी आपकी मुरादें

कभी इस प्रसिद्ध काली मंदिर में पूजा के लिये पूजारी तैयार नहीं थे!

श्रीकृष्ण मां काली के रुप में और शिव जन्मे थे राधा के रूप में, जानिए देवी पुराण से जुड़ी अनसुनी बातें!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh