रहने के लिये घर मानव की मूल जरूरतों में से एक है. अपने लिये घर ढ़ूँढ़ने वाला हर व्यक्ति चाहता है कि वो एक सुकून भरे माहौल में रहे. ऐसे में वह अपनी जरूरतों और आय के मुताबिक घर खोजता है. अपने लिये घर खोजते समय हर व्यक्ति को कुछ बातें नजरअंदाज नहीं करनी चाहिये. वर्षों पहले चाणक्य की कही ये बातें सम्भवत: अपने लिये घर खोज रहे व्यक्ति को लाभ पहुँचा सके.
इसलिये चाणक्य ने कहा है-
चाणक्य के अनुसार ज्ञानी व्यक्ति के निवास स्थान के आसपास रहने से ज्ञान और जीवन जीने के तरीके में वृद्धि होती है. ज्ञानियों के आसपास रहने से तार्किक क्षमता का विकास होता है. किसी चीज को यूँ ही मान लेने की अपेक्षा तर्कों से उस चीज को मानने अथवा नकारने की क्षमता में वृद्धि होती है.
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चाणक्य के अनुसार सम्पन्न लोगों के इर्द-गिर्द रहने से रोजगार की सम्भावनायें सामान्य से अधिक रहती है. सम्पन्नों के रहने के आसपास व्यवसाय में वृद्धि की सम्भावना सबसे अधिक होती है.
धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं वसेत्।।
शासकीय अधिकारियों के समीप रहने से व्यवस्था और शासकीय योजनाओं को नजदीक से जानने-समझने का मौका मिलता है.
चाणक्य के अनुसार जिस स्थान के समीप नदी बहती हो उस स्थान पर प्रकृति की रमणीयता और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता के कारण वहाँ रहना लाभदायक हो सकता है.
घर लेते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिये कि समीपवर्ती क्षेत्र में वैद्यों की कमी नहीं हो. अपने घर के आसपास वैद्यों के रहने से किसी आकस्मिक बीमारी का शीघ्रता से उपचार किया जा सकता है. वैद्यों की सलाह से बीमारियों को खुद से दूर रख स्वस्थ्य जीवन जीया जा सकता है. इस प्रकार चाणक्य की इन बातों को अमल में लाकर एक सही और सुकून भरे घर की तलाश पूरी की जा सकती है.Next….
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