रमज़ान का महीना शुक्रवार से शुरू हो चुका है. रमज़ान के दौरान सूर्य के उदय से अस्त होने तक रोज़ा रखी जाती है. रोज़ा रखने वालों को रोज़ेदार कहा जाता है. रोज़ेदार इस दौरान खाना खाते हैं न पानी पीते हैं. सूर्य के अस्त होने के समय इस्लाम संप्रदाय को मानने वाले खाना खाकर(इफ़्तार) से रोज़ा खोलते हैं. लेकिन जरा सोचिये जिन देशों में सूरज डूबता नहीं उन देशों में कैसे मुसलमान रोज़ा खोलते होंगे!
कनाडा, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड वो देश कहलाते हैं जहाँ सूरज नहीं डूबता. इन देशों को लैंड ऑफ दी मिडनाइट सन कहते हैं. मध्य अगस्त तक इन देशों में सूरज मध्यरात्रि तक दिखता रहता है. इन देशों में रहने वाले रोज़ेदारों के लिए रमज़ान के दौरान रोज़ा खोलना किसी चुनौती से कम नहीं होती.
ऐसे देशों में रोज़ेदारों के पास दो ही विकल्प होते हैं. रोज़ा रखने वाले मुसलमान या तो नज़दीकी बड़े शहर के सूर्योदय और सूर्यास्त की अवधि का अनुसरण कर सकते हैं. इसके अलावा आर्कटिक सर्कल के उत्तर में रहने वाले रोज़ेदार मक्का के समयानुसार अपना रोज़ा खोल सकते हैं.
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इस कारण से कई देशों में रोज़े की अवधि 19 घंटे को भी पार कर जाती है. लेकिन कुछ देशों में यह अवधि मात्र 4 से 5 घंटे की होती है. रोज़े के दौरान भूखे रहने वाले मुसलमानों के लिए थूक घोंटना भी रोज़े के उसूलों के विरूद्ध माना जाता है. युवावस्था को प्राप्त करने वाले हर सक्षम शरीर वाले मुसलमान से रमज़ान के महीने में रोज़ा रखने की अपेक्षा की जाती है. रोज़े के दौरान लोगों से चैरिटी की अपेक्षा की जाती है जिसका दायरा बहुत बड़ा है. धन से नेकी करने में असक्षम मुसलमान केवल मुस्कुरा कर भी चैरिटी कर सकते हैं.Next….
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