सृष्टि के रचियता के रूप में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को पूजा जाता है ये तीनों देवता संपूर्ण सृष्टि को बनाने, पालने और इसके विनाश के लिए उत्तरदायी माने जाते हैं. भगवान विष्णु मानवजाति के पालनहार के रूप में, ब्रह्मा सृष्टि की रचना के रूप में और महेश पाप बढ़ जाने पर सृष्टि के विनाश के लिए जाने जाते है. लेकिन क्या आप जानते हैं सृष्टि की रचना के दौरान भगवान ब्रह्मा को शिव ने श्राप दिया था. उनके द्वारा किए गए एक कृत्य को भगवान शिव सहन नहीं कर सके थे.
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शिवमहापुराण में वर्णित कहानी के अनुसार जब सृष्टि की रचना करने का समय आया तो त्रिदेवों ने अपने कार्यो को बांट लिया. भगवान ब्रह्मा पर मानवजाति की रचना करने की जिम्मेदारी आ पड़ी. इतनी बड़ी सृष्टि के निर्माण के लिए किसी की सहायता की जरूरत थी. इसलिए ब्रह्मा ने सत्यरूपा नाम की एक सुन्दर कन्या की उत्पत्ति की, वो कन्या इतनी सुन्दर थी कि कोई भी उसे देखकर मोहित हो जाता. उसके चेहरे पर इतना तेज था कि बड़े से बड़ा सन्यासी भी उसकी और आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकता था. उसके रूप को देखकर ब्रह्मा भी उस पर मोहित हो गए. कुछ पल के लिए वो सबकुछ भूलकर सत्यरूपा को निहारते रह गए.
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उनकी दृष्टि को भांपते हुए भगवान शिव को देर न लगी. वे उन्हें समझाना चाहते थे. परन्तु इससे पहले ही ब्रह्मा ने सभी के सामने सत्यरूपा से विवाह करने की इच्छा जाहिर की. उनके मुख से ऐसी अनर्थपूर्ण बात सुनकर वहां उपस्थित सभी देवगण हैरान हो गए. वहीं दूसरी ओर भगवान शिव क्रोधित हो उठे. उन्होंने ब्रह्मा को समझाने का बहुत प्रयास किया. लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे. शिव ने कहा ‘ हे देव इस कन्या की रचना स्वयं आपने अपने हाथों से की है, इसलिए ये कन्या आपकी पुत्री समान हुई. सत्यरूपा आपका अंश है. आपको अपनी पुत्री के लिए ऐसी अशोभनीय बात नहीं करनी चाहिए’.
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ये बात सुनकर ब्रह्मा क्रोध से भर गए. उन्होंने भगवान शिव को अपशब्द कहने शुरू कर दिए. ये सुनकर शिव के क्रोध का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने ब्रह्मा को श्राप दे दिया. उन्होंने कहा ‘आपने अपनी पुत्री के विषय में ऐसी बात कहकर पिता-पुत्री के रिश्ते का अपमान किया है. इसलिए आप पूजने के योग्य नहीं हो. आज से आपकी पूजा न के बराबर होगी. दुनियाभर में आपके भक्त नाममात्र ही रह जाएंगे’.शिव के मुख से ऐसे कटु वचन सुनकर ब्रह्मा ने शिव सहित सभी देवगणों से माफी मांगी. परंतु शिव के श्राप ने अपना प्रभाव दिखा दिया था. आपने भी ये बात जरूर गौर की होगी कि ब्रह्मा को अन्य देवताओं की तुलना में कम ही पूजा जाता है. ब्रह्मा का एक मात्र मन्दिर राजस्थान के पुष्कर में है…Next
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