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इस बार सावन में 5, 7 और 26 अंकों का खास महत्व, समझिए शुभयोग और शुभतिथियों का गणित

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan6 Jul, 2020

 

हिंदू पंचांग के अनुसार पांचवां महीना श्रावण मास यानी सावन होता है। यह महीना भोलेनाथ को समर्पित होने के कारण इसका महत्व भी अन्य महीनों से कहीं ज्यादा है। इस बार सावन माह में 5, 7 और 26 अंकों का खास महत्व है। क्योंकि ये अंक विशेष दिन, शुभयोग और शुभतिथियों को इंगित कर रहे हैं। इस बार का सावन लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है।

 

 

 

 

सावन के विशेष 5 सोमवार
यह विशेष सावन माह इसलिए बन गया है क्योंकि पूरे महीने में 5 सोमवार पड़ रहे हैं। पंचांग के अनुसार तीन सोमवार कृष्णपक्ष और दो शुक्लपक्ष में होंगे। 6 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह का पहला दिन सोमवार ही है। जबकि, समापन भी 3 अगस्त दिन सोमवार से ही हो रहा है। शुभारंभ और समापन पर दोनों दिन भोलेनाथ के हैं। इस माह भक्तों पर शिव की विशेष अनुकंपा रहने वाली है।

 

 

 

 

सावन की खास 7 तिथियां और पर्व
सावन माह में कुल 7 ऐसी खास तिथियां पड़ रही हैं जिस दिन मंगलकारी फलयोग देने वाले पर्व पड़ रहे हैं। इन खास तिथियों की शुरुआत 10 जुलाई को मौनी पंचमी से हो रही है। 14 जुलाई को मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। जबकि, 16 जुलाई को एकादशी का व्रत होगा। वहीं, 18 जुलाई को प्रदोषव्रत धारण किया जाएगा और 20 जुलाई को हरियाली अमावस्या के साथ ही सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी। 23 जुलाई को हरियाली तीज और 25 जुलाई को नागपंचमी होगी। 3 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इसी दिन से सावन माह का समापन माना जाएगा।

 

 

 

 

 

26 शुभयोग जो हर कष्ट हर लेंगे
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन माह में कुल 26 शुभयोग बन रहे हैं। इनमें 11 सर्वार्थसिद्धि योग, 3 अमृत सिद्धि योग होंगे। जबकि, 12 दिन विशेष रवियोग बन रहा है। इन शुभ योगों में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से मृत्यु के बाद मोक्ष हासिल होता है और नर्क में जाने वाले सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।

 

 

 

 

सावन में पूजा विधि
सावन माह में भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह भोलेनाथ से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। प्राताकाल स्नान के बाद सूर्योदय को अर्पित कर व्रत का संकल्प धारण करना चाहिए। शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करना चाहिए और धतूरे के फल भी भेंट करने चाहिए। पूजा के समय शिवजी का अभिषेक करने से अल्पमृत्यु का योग खत्म हो जाता है और आयुवृद्धि के योग शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा धन और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।…Next

 

 

 

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